जन्मस्थल – फलौदी जिलें के (वर्तमान में आऊ) के सुवाप गांव के मेहोजी चारण द्वितीय के घर पर करणी माता का जन्म 21 महीने के गर्भ के बाद संवत् 1444 में अश्विनी मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी को हुआ। 29 साल तक वहीं रहे माताजी। पिता, बुआ सहित आस-पास के सैकड़ों लोगों को चमत्कार दिए। संवत् 1473 में विवाह पर जन्मस्थली को छोड़ी माताजी ने।
सुवाप में भव्य मंदिर बना हुआ है।