पूरा नाम ठाकुर कृष्णसिंह बारहठ माता पिता का नाम पिता का नाम ओनासिंहजी और माता का नाम शृंगारकुँवर था जो कविराजा श्यामलदासजी की बड़ी सहोदरा थीं। इस रिश्ते से कविराजा श्यामलदासजी उन के मामा हुए। जन्म व जन्म स्थान जन्म शाहपुरा राज्यान्तर्गत उनके पैतृक गाँव देवपुरा में फाल्गुन सुदी एकम शुक्रवार वि. सं. 1906 तदनुसार […]
चारणों के पर्याय-नाम और उनका अर्थ चारण जाति के जितने पर्यायवाची नाम अद्यावधि हमको मिले, वे नीचे लिख कर उनका धात्वर्थ और व्यत्पत्ति सहित, भाषा में अर्थ लिख दिया गया है कि जिनके समझने में सर्व-साधारण को सुविधा रहे। ये शब्द, प्रथम संस्कृत में थे परन्तु फिर प्राकृत में पड़ कर देश-भाषा में रूपान्तरित हो […]
चारणों की उत्पत्ति के सन्दर्भ में ठा. कृष्णसिंह बारहट ने अपने खोज ग्रन्थ “चारण कुल प्रकाश” में विस्तार से प्रामाणिक सामग्री के साथ लिखा है। उसी से उद्धृत कुछ प्रमाणों को यहाँ बताया जा रहा है। ये तथ्य हमारे प्राचीनतम ग्रंथों श्रीमद्भागवत्, वाल्मीकि – रामायण तथा महाभारत से लिए गए हैं। चारणों की उत्पत्ति सृष्टि-श्रजन काल से है […]
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चारण शक्ति