साठिका: तोरण धारी माता
विवाहस्थल- बीकोनर के नोखा स्थित साठिका गांव में संवत् 1473 में उनका विवाह देपाजी के साथ हुआ। शादी वाले दिन रास्ते में ही देपाजी को चमत्कार दिया। उन्हें अपना असली रूप बताकर छोटी बहन गुलाब बाई से शादी करने के लिए कहा। संवत् 1474 में बहन का विवाह देपाजी से करवा दिया। दो साल में उन्होंने साठिका का परित्याग कर दिया।