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वीर वासुदेव आशिया

वीर वासुदेव आशिया

पूरा नामवीर शहीद वासुदेव चारण
माता पिता का नामवासुदान आशिया के पिता का नाम वाघदानजी आशिया एवं वीरवर की जननी का नाम मोहन कंवर
जन्म व जन्म भूमिबाड़मेर जिले के बलाऊ गांव में 07 जून 1968 को हुआ
शहीद दिनाक
जम्मु कश्मीर में श्रीनगर की बटमालु सब्जी मण्डी क्षेत्र में 03 जनवरी 2000 को हुए बम विष्फोट में सीमा सुरक्षा बल के कॉन्स्टेबल वासुदान आशिया शहीद हो गये
पता
गांव – बलाऊ, जिला – बाड़मेर, राज.

 जीवन परिचय

चारण समाज कलम की लेखनी के साथ – साथ रणभूमि का वीर योदा भी रहा है। लेख समर्पित है बाड़मेर जिले के बलाऊ गांव के शहिद वासुदेव आशिया को जिन्होने मातृभूमि की रक्षार्थ वीरों की विजय गाथा में एक नया अध्याय जोड़ा है। शहीद की परम्परा में वासुदान आशिया का जन्म राजस्थान के बाड़मेर जिले के बलाऊ गांव में 07 जून 1968 को हुआ शहीद वासुदान आशिया के पिता वाघदानजी आशिया एवं वीरवर की जननी मोहन कंवर हैं। वाघदानजी आशिया ने भी बी.एस.एफ. में सेवा दी एवं हेड कॉन्स्टेबल पद से सेवानिवृत हुए, शहीद ने अपनी प्रारम्भिक पढ़ाई राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय, बलाऊ जाटी से प्राप्त कर 22 वर्ष की आयु में 01 अप्रेल 1990 को बी. एस. एफ. जोईन किया। 10 वर्ष तक लगातार देश सेवा करते रहे जम्मु कश्मीर में श्रीनगर की बटमालु सब्जी मण्डी क्षेत्र में 03 जनवरी 2000 को हुए बम विष्फोट में सीमा सुरक्षा बल के कॉन्स्टेबल वासुदान आशिया शहीद हो गये। इनकी बटालियन का मुख्यालय नागोर था, लेकिन वर्तमान में जम्मु कश्मीर में तैनात थे। वासुदान आशिया का जोधपुर जिले के गांव सिंयांदा की प्रकाश कंवर के साथ विवाह हुआ। जिससे इनको दो पुत्र व एक पुत्री हुई। बड़े पुत्र भवानीदान आशिया शिक्षा विभाग में जालोर जिले के कोलर गांव में अपनी सेवाएं दे रहे है। पुत्री श्रीमती लीला आशिया का विवाह बाड़मेर जिले के झणकली में हुआ। वह भी शिक्षा विभाग में अध्यापिका पद पर जोधपुर जिले के मथानिया गांव में अपनी सेवाएं दे रही है। छोटे पुत्र दिनेश आशिया बी.एड. कर कम्पीटीशन की तैयारी कर रहे है। चार भाईयों में वासुदान आशिया दुसरे नम्बर के थे तथा सबसे बड़े भाई हिंगलाजदान आशिया चिकित्सा विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे है। दो भाई सांवलदान आशिया सेवा निवृत बी. एस. एफ. एवं सबसे छोटे भाई जब्बरदान आशिया बी.एस.एफ. में सेवाएं दे रहे है। शहीद वासुदान आशिया का अन्तिम संस्कार 6 जनवरी 2000 को उनके पैतृक गांव बलाऊ सासण में पूर्ण राजकिय सम्मान के साथ किया गया। सीमा सुरक्षा के भंवरसिंह राठोड़, प्रतापसिंह चंदेल व महेन्द्रपाल ने शव पर पुष्प चक्र चढ़ाकर शहीद को अन्तिम विदाई दी।

जिला कलेक्टर एम.के. हेमकार, पुलिस अधिक्षक संजय अग्रवाल पूर्व मंत्री मदनकौर, पूर्व मंत्री राजेन्द्र गहलोत सहित सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी व जन प्रतिनिधी ने पुष्पांजली अर्पित की एवं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शहीद के परिवार से मिलकर सांत्वना प्रकट की। 21 अक्टुम्बर 2019 को गृह मन्त्रालय भारत सरकार के निर्देशानुसार सीमा सुरक्षा बल में शहीद हुए कार्मिक वासुदेव आशिया के पैतृक गांव बलाऊ सासण के राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय जिसमें शहीद ने शिक्षा ग्रहण की थी फंटीयर मुख्यालय बी.एस.एफ. जोधपुर (राज.) के श्री रेखाराम ए.एस.आई. द्वारा श्रद्धाजंलि सभा का आयोजन किया गया। शहीद की धर्मपत्नी श्री मती प्रकाश कंवर को बी.एस.एफ. के रेखा राम द्वारा शॉल ओढ़ाकर बहुमान किया गया। जिसमें ग्रामीण जनो के साथ सरपंच मूलाराम ने 2 मिनिट का मौन रखकर शहीद को श्रद्धांजलि दी। पूर्व सरपंच डूंगरदान चारण ने शहीद का जीवन परिचय दिया। ए.एस.आई. रेखाराम द्वारा शहीद की मुर्ति निर्माण हेतू आमजन से अनुरोध किया जिसमें उपस्थित जन समुदाय एवं सरपंच द्वारा भूमि चिन्हीत कर प्रस्ताव बनाने की सहमती दी। विद्यालय में कार्यरत वरिष्ठ अध्यापक श्री केशवदान ने युवा पीढ़ी को सेना में भर्ती होने हेतु प्रेरित किया। अंत में शहीद के जयघोष व भारत माता की जय के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

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वीर शहीद वासुदेव चारण उनसे सम्बंधित रचनाओं व संस्मरणों के कुछ अंश यहाँ प्रस्तुत हैं| पढने के लिए नीचे शीर्षक पर क्लिक करें-

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