पुस्तकालय की सुविधा प्रदान करने वाला प्रथम छात्रावास
श्री करणी चारण छात्रावास, जालोर
मारवाड़ क्षेत्र का एक प्राचीन एवं महत्वपूर्ण क्षेत्र है जालोर। ऋषि जाबालि एवं महाकवि माघ की जन्म एवं कार्यस्थली वाले इस जिले में चारण समाज की पहचान बुद्धिजीवी वर्ग के रूप में रही है, जिले में चारण सरदारों के करीब 40 जागिरी गांव है सरकारी क्षेत्र में प्रारंभिक वर्षों में अधिकांश शिक्षक ही थे बाद में कुछ अन्य सेवाओं में भी चारण सरदार पद स्थापित हुए सिविल सेवा में जालोर जिले में आईएएस भर्ती से एकमात्र चयनित एवं कार्यरत श्री अजीतदान देवल आईआरएस गंगावा से है। तथा आर.ए.एस भर्ती से चयनित श्री नारायणसिंह सुरताणीया मिंडावास, (उप रजिस्ट्रार सहकारिता) आवड़दान सुंघा धुलिया ( विकास अधिकारी) मनोहरसिंह कोटड़ा श्रम निरीक्षक एवं समझौता अधिकारी एवं हिंगलाजदान पुनावास (सहकारिता निरीक्षक) है
जालोर में श्री करणी चारण छात्रावास की स्थापना-
प्रारंभ में रियासतों की राजधानियों पर चारण समाज के छात्रावासों की स्थापना हुई तत्पश्चात जिला एवं उपखंड स्तर पर समाज के छात्रावास की स्थापना हुई इस क्रम में जालोर जिला मुख्यालय पर बागरा रोड पर श्री करणी चारण छात्रावास का शिलान्यास वर्ष 2006 में हुआ, नवनिर्मित छात्रावास का उद्घाटन वर्ष 2013 में हुआ। वर्तमान में छात्रावास परिसर में श्री करणी माताजी के मंदिर का कार्य निर्माणाधीन है।
जालौर में सर्व सुविधा युक्त आधुनिक पुस्तकालय की स्थापना
छात्रावास के निर्माण के पश्चात कुछ वर्षों तक विद्यार्थियों की संख्या अच्छी रही लेकिन बाद के वर्षों में छात्र संख्या कम होने पर समाज के वरिष्ठ बंधुओं ने युवाओं का आव्हान किया, जिले के युवा प्रशासनिक अधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने गहन विचार-विमर्श प्रारंभ किया इसी बीच श्री वीरदान वणसूर नांदिया ने 4 जून 2017 को चारण युवा संगठन जालौर नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया। इस ग्रुप में वर्तमान में 240 सदस्य हैं यह ग्रुप आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर है ग्रुप के माध्यम से अब तक लगभग ₹200000 का योगदान पुस्तकालय निर्माण एवं अन्य कार्यों में किया जा चुका है। समाज के वरिष्ठ जनों के आशीर्वाद के पश्चात युवा सरदारों ने जालौर छात्रावास में सर्व सुविधा युक्त अत्याधुनिक पुस्तकालय की स्थापना का संकल्प लिया। इस बाबत् प्रदेश के आईएएस अधिकारियों एवं सुधी पाठकों से विचार-विमर्श करके आवश्यक पुस्तकों की सूची तैयार की गई। सूची के अनुसार पुस्तकों की खरीद जयपुर एवं जोधपुर से जुलाई 2017 में की गई उधर छात्रावास समिति ने दिन रात मेहनत करके पुस्तकालय हॉल में फर्नीचर अलमारीयों एवं एसी की व्यवस्था की। छात्रावास में मात्र 2000 महीने का शुल्क लिया जाता है। जिसमें आवास इत्यादि समस्त सुविधाएं प्रदान की जाती है बाकी खर्च समाज के सदस्यों द्वारा सब्सिडी के रूप में छात्रावास संचालन समिति को दिया जाता है ।वर्तमान में जालौर चारण छात्रावास में विश्व भारत भूगोल इतिहास राजनीति विज्ञान अर्थशास्त्र हिंदी अंग्रेजी विधि राजस्थानी साहित्य चारण साहित्य लोक देवी साहित्य हिंदू धार्मिक साहित्य की महत्वपूर्ण पुस्तकों हिंदी अंग्रेजी एवं राजस्थानी भाषा में आवश्यकता अनुसार के अलावा आई ए एस, आर ए एस, आर जे एस बैंकिंग एसएससी रेलवे पुलिस पटवारी ग्राम सेवक समेत समस्त महत्वपूर्ण प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित पुस्तकें उपलब्ध है एसी आरओ वाटर वाटर कूलर एवं वाचनालय का समुचित पुस्तकालय में प्रबंध है। विद्यार्थियों की आवश्यकता अनुसार प्रति माह पुस्तकें जयपुर से मंगवाई जाती है। पुस्तकालय में समय-समय पर प्रशासनिक अधिकारियों एवं शिक्षाविदों द्वारा छात्रावास में निवासरत विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया जाता है। वर्तमान में छात्रावास में 40 से अधिक छात्र निवासरत है जो जालौर, पाली, सिरोही, जोधपुर, बाड़मेर, नागौर इत्यादि जिलों के निवासी हैं पिछले दो – तीन वर्षों में जालौर चारण छात्रावास के अनेकों विद्यार्थी सरकारी सेवा में चयनित होकर पदस्थापित हुए हैं। पुस्तकालय के भविष्य की योजना प्रारंभ छात्रावास जालौर में स्थापित कर सुविधा युक्त आधुनिक पुस्तकालय चारण समाज में सभी छात्रावासों में एक अनूठा पुस्तकालय है चारण साहित्य शोध संस्थान अजमेर के अलावा अन्य किसी स्थान पर इतनी पुस्तकें शायद ही होगी जिले के युवा प्रशासनिक अधिकारियों शिक्षाविदों व्यवसायियों उन्नत किसानों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं की प्रबल इच्छा है कि इस पुस्तकालय को भव्य बहुआयामी स्वरूप प्रदान किया जाए प्रारंभिक योजना के अनुसार अलग से पुस्तकालय भवन वाचनालय कैंटीन सेमिनार का स्टडी केबिन का निर्माण विचाराधीन है मां भगवती का आशीर्वाद रहा तो जल्द ही जालौर में अत्याधुनिक पुस्तकालय एवं स्टडी सेंटर का कार्य पूर्ण हो जाएगा जिसके फलस्वरूप समूचे चारण समाज के युवाओं के लिए यह अध्ययन साधना केंद्र बन पाएगा इस कार्य हेतु जिले में के स्थित समाज के समस्त 40 गांव के युवा तत्पर है साथ में वरिष्ठ एवं वृद्ध बंधुओं का सहयोग भी अनवरत मिल रहा हैसमाज में पुरुषों की तुलना में शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं की स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है विगत वर्षों में समाज में बालिकाओं की उच्च शिक्षा के प्रति जागरूकता में वृद्धि हुई है फिर भी शिक्षा हेतु विशेष प्रयास स्थित है समाज की प्रत्येक बालिका कम से कम स्नातक अवश्य होनी चाहिए इसके अलावा सभी को प्रतियोगी परीक्षाओं में तैयारी करनी चाहिए ताकि सरकारी तंत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई जा सके।