
कविराज दयालदास सिंढायच और उनकी रचनाएं – गिरधरदान रतनू दासोड़ी
पूरा नाम कविराज दयालदासजी संढायच माता पिता का नाम इनकी माता का नाम किसना किनियाणी व पिता खेतसिंहजी संढायच था जन्म व जन्म स्थान खेतसिंहजी


महाकवि सूर्यमल्ल मिश्रण
पूरा नाम कवि सूर्यमल्ल मिश्रण (मीसण) माता पिता का नाम उनके पिता का नाम चण्डीदान तथा माता का नाम भवानी बाई था। जन्म व जन्म



कविराज दुरसाजी आढ़ा
मारवाड़ राज्य के धुंधल गांव के एक सीरवी किसान के खेत में एक बालश्रमिक फसल में सिंचाई कर रहा था पर उस बालक से सिंचाई



कविराज दुरसाजी आढ़ा
पूरा नाम दुरसाजी आढ़ा माता पिता का नाम दुरसाजी आढ़ा की माताजी धनीबाई बोगसा व पिताजी मेहाजी आढ़ा, जन्म व जन्म स्थान वि.स. 1592 में


कविवर जाडा मेहडू (जड्डा चारण)
पूरा नाम कविवर जाडा मेहडू (जड्डा चारण), इनका वास्तविक नाम आसकरण था माता पिता का नाम माता-पिता, भाई-बहन, बाल्यकाल, शिक्षा-दीक्षा तथा काव्य-गुरु आदि के बाबत


वीर देवपालसिंह देवल
वीर चारण की शहादत को सलाम शहीद 2/लेफ्टिनेंट कुं. देवपालसिंह बी. देवल, वीर चक्र (मरणोपरांत) का संक्षिप्त परिचय पूरा नाम देवपालसिंह बी. देवल माता पिता


क्रांतिकारी केसरीसिंह बारहठ
पूरा नाम केसरीसिंह बारहठ माता पिता का नाम पिता – कृष्णसिंहजी बारहठ जन्म व जन्म भूमि 21 नवम्बर, 1872, देवखेड़ा, शाहपुरा, राजस्थान स्वर्गवास 14 अगस्त,
चारण एक संक्षिप्त परिचय
जम्बूद्वीप विस्तार एवम् सभ्यताएँ 1. एशिया-यूरोप का भेद- विश्व पटल पर वर्तमान भारत, एशिया महाद्वीप का दक्षिण में निकला हुआ एक भाग है, जैसा ही


भक्त कवि ईसरदासजी बारहठ
जन्म संवत 1515 श्रावण शुक्ल बीज को प्रातः काल में माता पिता माता का नाम अमरबाई गाडण व पिता सुराजी रोहड़िया शाखा के चारण थे


चारण जाती की शाखाएं
चारणों के पर्याय-नाम और उनका अर्थ चारण जाति के जितने पर्यायवाची नाम अद्यावधि हमको मिले, वे नीचे लिख कर उनका धात्वर्थ और व्यत्पत्ति सहित, भाषा


चारण जाती की उत्पत्ति
चारणों की उत्पत्ति के सन्दर्भ में ठा. कृष्णसिंह बारहट ने अपने खोज ग्रन्थ “चारण कुल प्रकाश” में विस्तार से प्रामाणिक सामग्री के साथ लिखा है।


शिक्षित और स्वावलंबी मानव समाज के स्वप्नदृष्टा श्री पालुभाई गढवी (भजनानंदी)
शिक्षित और स्वावलंबी मानव समाज के स्वप्नदृष्टा श्री पालुभाई गढवी (भजनानंदी) सेवा समर्पन और सत्य वकता का लोक मुख से परिचय ● मांडवी के