राजस्थान का सबसे पुराना संगठन जिसने 2005-06 में ही चारण, चारणत्व और चारणाचार पर धरातल पर काम शुरु कर दिया था।
इसके प्रमुख कार्य
1.चारण समाज में संस्कार शिविर की शुरुआत
2. मेवाङ से बाहर बारहठ त्रिमूर्ति पर आयोजन
3.आसारानाडा शहीद प्रताप स्मारक निर्माण
4. जुढिया में मां सैणलाराय जयंती का शुभारंभ
5. आपणौ साहित्य आपणौ गौरव कार्यक्रम के तहत चारण साहित्य स्टाॅल लगाना ।
6. तथा अन्यान्य कई समाजोत्थान के प्रकल्पों पर कार्य कर रहा है।
इसके पूर्णकालिक अध्यक्ष स्वयं मां हिंगलाज हैं।