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भक्तिमति समान बाई (मत्स्य की मीराँ)

भक्तिमति समान बाई (मत्स्य की मीराँ)

भक्तिमति समान बाई (मत्स्य की मीराँ) का जीवन परिचय

 

पूरा नाम भक्तिमति समान बाई (मत्स्य की मीराँ)
माता पिता का नाम कवि रामनाथजी कविया की पुत्री थी
जन्म व जन्म स्थान विक्रम संवत् १८८२ में सियाली ग्राम में समानबाई का जन्म हुआ
स्वर्गवास
समानबाई ने संवत् १९४२ की श्रावण बदी अमावस्या के दिन अपनी नश्वर देह का परित्याग कर परम तत्व में स्वयं को विलीन कर दिया।
अन्य
  • रामनाथजी के परशुरामजी, हरगोविन्दजी एवं देवीदानजी नाम से तीन पुत्र थे। समानबाई रामनाथजी की सबसे छोटी एवं एक मात्र पुत्री थी
  • समानबाई की प्रारंभिक शिक्षा घर पर ही अपने पिता रामनाथजी द्वारा प्रारम्भ हुई।
  • समानबाई का विवाह अलवर राज्यान्तर्गत किशनगढ़ के पास माहुँद ग्राम के ठाकुर रामदयाल जी के साथ हुआ था जो प्रसिद्ध कवि उम्मेदसिंह जी पालावत के प्रपौत्र थे।

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