पूरा नाम | आद्यशक्ति इंद्र बाईसा |
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माता पिता का नाम | सागरदानजी रतनू की धर्मपत्नी श्रीमती धापूबाई की कूख से पूजनीय आदिशक्ति श्री इंद्र बाईसा का अवतरण हुआ! |
जन्म व जन्म स्थान | जोधपुर मण्डल के नागोर जिले के अंतर्गत खुडद नामक गाँव में वि.स. 1964 को आषाढ़ शुक्ल नवमी शुक्रवार के दिन |
स्वधामगमन | |
श्री ईंद्र बाईसा ने संवत 2012 के मिगसर मास की कृष्ण पक्ष की द्वितीया, गुरुवार को 48 वर्ष की आयु में सांसारिक देह को त्याग कर ज्योति में ज्योति मिला दी ! | |
विविध | |
ईंद्र बाईसा के चमत्कारिक कार्यों की ख्याति दूर दूर तक फेल गई और श्रद्धालु भक्त चारो तरफ से इनके दर्शन करने खुडद आने लगे ! भूतपूर्व बीकानेर रियासत के महाराजा श्री गंगासिंहजी करणी जी के परम भक्त थे, स्वयं खुडद पधारे और श्री ईंद्र बाईसा के दर्शन करके अपने को धन्य माना ! महाराजा साहब के निवेदन करने पर ईंद्र बाईसा संवत 1991 की फाल्गुन कृष्ण दसमी, शुक्रवार को बीकानेर पधारे ! | |
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