आई चम्पा माँ री चिरजा रणदेव चारण कृत
आई चम्पा माँ री चिरजा रणदेव चारण कृत दोहा पूजू पहला गणपती, दूज शारदा माय। किरथ चम्पा मात कथूं,,किरपा करों कृपाय।। चम्पा लायी चाँदणों, मया धनु रै माय। संवत उनीसौ…
आई चम्पा माँ री चिरजा रणदेव चारण कृत दोहा पूजू पहला गणपती, दूज शारदा माय। किरथ चम्पा मात कथूं,,किरपा करों कृपाय।। चम्पा लायी चाँदणों, मया धनु रै माय। संवत उनीसौ…
बेटी आयी तेरे घर बेटी आयी तेरे घर, लक्ष्मी सी वों जन्म पर। भेजा उस भगवान ने,,तुझ पर विश्वास कर।। और भी घर खूब हैं, जहाँ होता बेटी…
नेता अर साधु पर दूहें रणजीत सिंह रणदेव चारण रचित नाथ नीति ऐसी रमें, मंदिर बनने माॅल। आस-पास का खात हें, बचत न कोई खोल ।।१।। राजनिती भरती…
(दूहे) सक्रांत आय भायलों, दिवस स्थिति ने फेर । दिन बडो रात छोटडी ‘,, लाई खुशिया घेर ।। 1।। धूप पडे नहीं धार की , ठंड पडें हैं ठाठ ।…
अपनी संस्कृति को दोहराना होगा पाश्चात्य संस्कृति के धारणों, खोटी तुम्हें सुनाने आया हूं। जुंबा लें भारती का नाम,, अपनी संस्कृति बतानें आया हूं।। अपनी संस्कृति को अपने,…
बरखा होगी बावली बरसात पर कुछ दोहें रणजीत सिंह रणदेव चारण रचित हवा चलें बे रूख सी, लावें बादल खोल। रोचक चलें रिमझिम सी, आज करे ना मोल।।१।। बरखा…
“भलाई”पर दोहे रणजीत सिंह रणदेव चारण रचित भलाई पहलां तुम भजों, रठों ना दुजी राड। कुछ तो मनु भली कर लें,, पडें न ऊपर पहाड।। १।। भलाई जग में…
कश्मिरी पत्थरबाजीयों पर। देशद्रोही छुप बैठे हैं, हिंदु वतन की रिक्तियों में। ढूंढ-ढूंढ के मार गिराओं,, जहाँ दिखे गलियों में।। कश्मिर धरा पर गद्दारों ने, ईमान का पतन किया।…
बचपन का मेला मेले के जीवन से एकदम विपरित बचपन में था मैं भोला – सयाना। मेला सभी को सौन्दर्य से लुटता कहते सब हुशयारी का जमाना।। जब गांव-गली…
होली का गीत देखों-देखों होली आई रें, खुशियां रंगा में छाई रे। हाँ रे होली आई रें, खूब धुम – धाम मचाई रे।। देखों – देखों……………………….. । ठण्डी –…