Fri. Jul 18th, 2025

Tag: राजेंन्द्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर

नमो करन्नी सगत

!! नमो करन्नी सगत !! प्रातः सिमरणां माननीय हुकमीचंद जी खिङिया, गीत विधा रा दैदिपायमान अर ऊजऴा नक्षत्र जिणां री जोङ रो कवेसर चिराग लेयर जोयां ही नी मिऴै उणारी…

दुर्गा-स्तुति स्तौत्र – राजेंन्द्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर

!! दुर्गा-स्तुति स्तौत्र !! अयि गिरिननि नंदितमेदिनि विश्वविनोदिनि नंदनुते गिरिवर विंध्य शिरोधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते।  सुरवरवर्षिणि दुर्धरधर्षिणि दुर्मुखमर्षिणि हर्षरते त्रिभुवनपोषिणि शंकरतोषिणि किल्बिषमोषिणि घोषरते। अयि गिरिननि नंदितमेदिनि विश्वविनोदिनि नंदनुते गिरिवर विंध्य शिरोधिनिवासिनि…

इंद्र बाईसा का शिखरणी छंद – हिंगऴाजदानजी कविया

आदरणीय कविया हिंगऴाजदानजी विरचित इंद्र बाईसा का यह छंद अपने आप में अनूठा व अवलोकनीय है जिसमें राजस्थानी में संस्कृतंम का सुमेल कर सृजित किया है। ।।छंद-शिखरणी।। ओऊँ तत्सत इच्छा…

गीत – गरज सेवगां तणी अब करनला घणी छै

!! गीत !! गरज सेवगां तणी अब करनला घणी छै, अरज तद पुणी छै मात आगै ! धजाऴी आपबिन अवर कुण धणी छै, स्रजीऴी सजो सब सगत सागै !!  !!1!!…

भैरूंनाथ रा छप्पय – जवाहरदान जी रतनूं

जवाहरदान जी रतनूं, थूंसड़ा रा प्राचीन समय रा चारण साहित रा सिरजणहार साधक हा। रतनूं साहब री भगवती री चिरजा/रचनांवां री अजब अनूठी अलंकारिक व भावपक्ष री न्यारी निराऴी हटोटी…

माताजी के 10 शक्ति – पीठ स्थान- राजेन्द्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर 

माताजी के शक्तिपीठ हमारी यूट्यूब चेनल पर पूरा वीडियो देखें (1) “”!! त्रिपुरसुंदरी शक्ति-पीठ !!”  *!! त्रिपुरा !!* भारत के पूर्वोतर राज्य त्रिपुरा की सीमा आसाम व मिजोरम से लगती…

श्री दुर्गा-बहत्तरी – महाकवि हिंगऴाजदान कविया

आद्याशक्ति माँ हिंगुऴाज पौराणिक देवी है तथा प्राचीन पुराणों मे इसका वर्णन आता है व तंन्त्रचूड़ामणि, वृहन्नीलतंन्त्र, शिवचरित्र आदि मे भी इसका वर्णन है। इस आदिकालीन तीर्थ के अब पाकिस्तान…

चारण मनोहरदास नांदू (गांव – सुरपाऴिया, नागौर)

इतिहास में केई काऴ भुरजाऴ जंगी जोधारां रा संगी साथी ऐहड़ा कण पाण वाऴा अर आत्म बलिदानी होवता हा कि उणानै आपरै स्वामी री भक्ति आगै आपरो जीवण तोछो लखावतो…

बारहठ केसरीसिंहजी और कोटा महाराव उम्मेदसिंहजी ~ राजेन्द्रसिंह कविया संतोषपुरा (सीकर)

।।बारहठ केसरीसिंह जी और कोटा महाराव उम्मेदसिंह जी।। ।।कहाँ वे लोग, कहाँ वे बातें।। महान क्रान्तिवीरों के अग्रणी केसरीसिंह जी के आभा मण्डल से घबराकर ब्रिटिश सरकार के वायसराय व…

महाभारत का प्राकृतिक नीति-पाठ ~ राजेन्द्रसिंह कविया संतोषपुरा (सीकर)

।।महाभारत का प्राकृतिक नीति-पाठ।। क्रांतिचेत्ता अग्रदूत वीरवर ठाकुर केसरी सिंह जी बारहठ साहब ने, अंग्रेजों की अजेय शक्ति जिसके राज में सूरज कभी भी अस्त नहीं होता था, उससे टक्कर…