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Tag: मोहनसिंहजी रतनू

बैश कीमती बोट – कवि मोहनसिंह रतनू (चौपासनी)

आगामी दिनो मे पंचायत चुनाव होने जा रहे हैं, मतदान किसको करना हे इसके लिए कवि ने एक गाइडलाइन बनाई है। शांत सम्यक भाव से सही निष्पक्ष स्वंतत्र होकर मतदान…

भैरवाष्टक – डॉ. शक्तिदान कविया

सोरठाभैरु भुरजालाह, दिगपाला बड दैव तूं।रहजै रखवालाह, नाकोडा वाला निकट।। छंद त्रिभंगीनाकोडा वाला, थान निराला, भाखर माला बिच भाला।कर रुप कराला, गोरा काला, तु मुदराला चिरताला।ध्रुव दीठ धजाला, ओप उजाला,…

सखी! अमीणो सायबो

सखी अमीणो सायबो घर आंगण मांहे घणा, त्रासे पडिया ताव। जुध आंगण सोहे जिके, बालम बास बसाव।। वीर स्त्री कहती है संकट की घडी मे भयभीत होने वाले तो प्रत्येक…

करनी सुजश

छंद मोतीदाम करनी सुजश नमो तुझ्झ मैह सुता करनल्ल। सदा कर रैणव काज सफल्ल। प्रसू तव दैवल आढीय पाय। महि पर धन्य भई महमाय। सही किनियां कुल ग्राम सुआप। अहो…

हेप्पी हैप्पी हुवै दिवाली, हैप्पी हैप्पी हुवै दिवाली- मोहनसिह रतनू,

हेप्पी हैप्पी हुवै दिवाली, हैप्पी हैप्पी हुवै दिवाली, चमचम करती किसमत चमकै, चमकै गगन मुलकता तारा। घर घर हो दिवलै री ज्योति, घर घर मे होवे पो बारा। घर घर…

घनघोर घटा, चंहु ओर चढी – कवि मोहनसिंह रतनू

।।छंद – त्रोटक।। घनघोर घटा, चंहु ओर चढी, चितचोर बहार समीर चले। महि मोर महीन झिंगोर करे, हरठोर वृक्षान की डार हले। जद जोर पपिहे की लोर लगी, मन होय…

कर मत आतमघात – कवि मोहन सिंह रतनू

आत्म हत्या महा पाप है, विगत कई सालों से बाडमेर जिले में आत्म हत्याएं करने वालो की बाढ आ गई है। क्षणिक आवेश में आकर अपनी सम्पूर्ण इहलीला समाप्त कर…

गीत बल्लू जी चांपावत रो (संकलन कर्ता- मोहन सिह रतनू, जोधपुर

गीत बल्लू जी चांपावत रो गीत प्रहास साणोर विजड ऊठियो धूण गिरमेर रो बहादुर, पछै म्हे कदे अवसाण पावां। अमर ने सुरग दिस मैल ने ऐकलो, आगरै लडैवा कदै आवां।…

गोड़ावण गरिमा

🌹गोड़ावण गरिमा🌹 दुहा गोडावण गरिमा लिखूं ,दो उगती वरदाय जिण पंछी रे जीवसूं, लम्पट गया ललचाय छंद नाराच वदे महीन मृदूबाक,  काग ज्युं न कूक हे बैसाख जेठ मास बीच…