Wed. May 7th, 2025

Tag: कवि मनुज देपावत

हे गाँव, तुझे मैं छोड़ चला, लाचार भरे इस भादों में- कवि मनुज देपावत

हे गाँव, तुझे मैं छोड़ चला, लाचार भरे इस भादों में। था एक दिवस जब तेरे इस आँगन में फूली अमराई ! था एक दिवस जब मेरे भी मन में…

मैं विप्लव का कवि हूँ ! मेरे गीत चिरंतन।- कवि स्व. मनुज देपावत

मैं विप्लव का कवि हूँ ! मेरे गीत चिरंतन। मेरी छंदबद्ध वाणी में नहीं किसी कृष्णाभिसारिका के आकुल अंतर की धड़कन; अरे, किसी जनपद कल्याणी के नूपुर के रुनझुन स्वर…

कल़ायण — कवि स्व. मनुज देपावत

धरती रौ कण-कण ह्वे सजीव, मुरधर में जीवण लहरायौ। वा आज कल़ायण घिर आयी, बादळ अम्बर मं गहरायो।। वा स्याम वरण उतराद दिसा, “भूरोड़े-भुरजां” री छाया ! लख मोर मोद…

विप्लव का कवि “मनुज देपावत”

विप्लव का कवि “मनुज देपावत”   राजस्थान का इतिहास साक्षी है कि यहां का जन साधारण भी बड़ा क्रांतिकारी रहा है। जनसाधारण की इस भावना को बल प्रदान किया यहां…