Mon. Jul 28th, 2025

Tag: कवि भंवरदान (मधुकर) झणकली

श्री करणी जी रौ छन्द – भंवरदानजी (झनकली)

मन मंदिर रा मावड़ी, करणी खोल कपाट। सुंदर रचना कर सकूं, वरणी रूप विराट।। छंद जात लीलावती तो आदि अहुकारण सकल उपासण मान वधारो जोगमया। पंचों तंत सारे त्रिगुण पसारे…

श्री सभाई सुजस – भँवरदान मधुकर झणकली

श्री सभाई सुजस दोहा सभाई चड़िया सती जाती वधारण जस। रंग वारण घर रतनू वेरियाँ काटण वंश।। कवियन्द धर कपूरड़ी शाख सौविस निवास कीधी अनीति कमधजां ओ वरणो इतिहास।। छंद…