Sat. Apr 19th, 2025

Tag: जयेशदान गढवी (कवि-जय)

गुरु मारी आतम ज्योत जगावो ~ जयेशदान गढवी

वञग्युं छे मनडुं मोह केरी वाते। चित ने जागी झंखना, सुरज नी मधराते। अंजवाञा पाथरवा ने आवो…. गुरु मारी आतम ज्योत जगावो…… * जीव मारे फांफा जीव ने स्वभावे ।…

आई श्री गंगामां प्रथम वंदना ~ जयेशदान गढवी

सद्गुरु देवेभ्यो नम: ।। आइ श्री गंगामां की सद्गुरु स्वरूप में मेरे शब्दों द्वारा की गई प्रथम वंदना।। ।। छप्पय ।। हवन करी धरी हेत, पाठ हरिरस रो पढ़यो ।…