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Tag: डाॅ गजादान चारण “शक्तिसुत

विजयी एवं पराजयी मानसिकता

युवाओं के हृदय सम्राट एवं भारतीय मनीषा के महनीय आचार्य स्वामी विवेकानन्द के साहित्य का अध्ययन करने पर सार रूप में यह समझ आया कि व्यक्ति की हार एवं जीत…

प्रशंसा – डाॅ. गजादान चारण “शक्तिसुत”

प्रशंसा बहुत प्यारी है, सभी की ये दुलारी है, कि दामन में सदा इसके, खलकभर की खुमारी है। फर्श को अर्श देती है, उमंग उत्कर्ष देती है, कि देती है…

आज रो समाज अर सराध रो रिवाज – डाॅ. गजादान चारण “शक्तिसुत”

सराध रो रिवाज आपणै समाज में जूनै टेम सूं चालतो आयो है अर आज ई चालै। जे आज री बात करां तो इयां मानो कै अबार रो जुग तो सराध…

मांडणा ~ डॉ. गजादान चारण “शक्तिसुत”

उर रख कोड अपार, रीझ कर त्यार रँगोली प्रिया-विष्णु पधार, बहुरि मनुहार सुबोली। सिंधुसुता सुखधाम, नाम तव है घणनामी। तोड़ अभाव तमाम, अन्न-धन देय अमामी। कवि अमर-सुतन ‘गजराज’ कह, मांडै…

दीपक की रोशनी में सच का चेहरा- डॉ  गजादान चारण “शक्तिसुत”

दीपक की रोशनी में सच का चेहरा – डॉ  गजादान चारण ‘शक्तिसुत’   दीपावली का पर्व हमारी आस्थाओं के साथ-साथ मनोवैज्ञानिक रूप से भी हमारे लिए बहुत महत्तवपूर्ण है। दीपावली…

बाती को मत फूंक लगा ~ डाॅ. गजादान चारण ‘शक्तिसुत’

दीपों की जगमग ज्योति के माध्यम से संसार को ज्ञान, प्रेम, सौहार्द, समन्वय, त्याग, परोपकार, संघर्ष, कर्तव्यपरायणता, ध्येयनिष्ठा एवं रचनात्मकता का पाठ पढ़ाने वाले विशिष्ट त्योहार दीपोत्सव की हार्दिक बधाई…

बध-बध मत ना बोल ~डॉ. गजादान चारण “शक्तिसुत”

बध-बध मत ना बोल बेलिया, बोल्यां साच उघड़ जासी। मरती करती जकी बणी है, पाछी बात बिगड़ जासी।। तू गौरो है इणमें गैला, नहीं किणी रो कीं नौ’रो। पण दूजां…

दीपमालिका का दीपक- डाॅ. गजादान चारण “शक्तिसुत”

दीपमालिका का दीपक मानव इस सृष्टि मे ईश्वर की सुंदरतम कृति है और वह अपने विवेक के लिए विश्ववरेण्य है। प्राणिजगत में मानव अन्य प्राणियों से अलग है तो वह…

बालक हूं बुद्धू मत मानो ~डॉ. गजादान चारण “शक्तिसुत”

इक दिन उपवन में आयुष जब घूम रहा था मस्ती करता कलियों-पुष्पों से कर बातें कांटों पर गुस्सा सा करता तभी अचानक उसके कानों इक आवाज पड़ी अनजानी बचा-बचाओ मुझे…

जाती रही – गजल ~डॉ. गजादान चारण “शक्तिसुत”

हाथ जब थामा उन्होंने, हड़बड़ी जाती रही। जिंदगी के जोड़ से फिर, गड़बड़ी जाती रही। ‘देख लूंगा मैं सभी को’ हम भी कहते थे कभी, आज अनुभव आ गया तो,…