भारत री छत्राणी – डॉ. गजादान चारण “शक्तिसुत”
अमर शहीद कुँवर प्रताप सिंह बारहठ की वीर माता माणिक्य कँवर के मन के भाव शब्दों में पिरोने का अदना सा प्रयास। थारै मन री बात लाडेसर, म्हारै सूं अणजाणी…
अमर शहीद कुँवर प्रताप सिंह बारहठ की वीर माता माणिक्य कँवर के मन के भाव शब्दों में पिरोने का अदना सा प्रयास। थारै मन री बात लाडेसर, म्हारै सूं अणजाणी…
जाग चुका है कोना कोना छोड़ चुके गफ़लत में खोना मिलकर सारे करें सामना, क्या कर लेगा रोग कोरोना? चिकित्सकों की बातें मानें दृढ़ होकर संयम-धनु तानें सावधान रहना और…
मधुसूदन जिण सूं रीझ्यो हो, वरदायी जिणरी वाणी ही। बचनां सूं जिणरै अमर बणी, ऊमा दे रूठी राणी ही। कोडीलै बाघै कोटड़ियै, सेवा जिण कीनी सुकवि री। मरग्या कर अमर…
साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली रै अनुवाद पुरस्कार 2019 सूं आदरीजण वाळी काव्यकृति ‘चारु वसंता’ मूळ रूप सूं कन्नड़ भासा रो देसी काव्य है, जिणरा रचयिता नाडोज ह.प. नागराज्या है। इण…
हर बात को खुद पे खताना, बन्द करिए बापजी। बिन बात के बातें बनाना, बन्द करिए बापजी। बीज में विष जो भरा तो फल विषैले खाइए, ख़ामख़ा अब खार खाना,…
कांई फरक पड़ै कै राज किण रो है ? राजा कुण है अर ताज किण रो है ? फरक चाह्वो तो राज नीं काज बदळो ! अर भळै काज रो…
सूरज जद स्याह अंधेरी सूं, रंग-रळियां करणो चावै है। चांदै नैं स्यामल-रजनी रै, आँचळ में आँणद आवै है। इसड़ी अणहोणी वेळा में, होणी रा गेला कद दीखै। कहद्यो अै तारा…
कर रहा हूँ यत्न कितने सुर सजाने के लिए पीड़ पाले कंठ से मृदु गीत गाने के लिए साँस की वीणा मगर झंकार भरती ही नहीं दर्द दाझे पोरवे स्वीकार…