धाट पारकर भाषाई अस्मिता- अमरदान आशिया पार्वतीतलाई
सादर जय माता जी री। सर्वप्रथम, भावों की पूर्ण अभिव्यक्ति न हो पाने के कारण मैं धाटी में न लिख कर हिंदी में लिख रहा हूँ इसके लिए मुझे खेद…
सादर जय माता जी री। सर्वप्रथम, भावों की पूर्ण अभिव्यक्ति न हो पाने के कारण मैं धाटी में न लिख कर हिंदी में लिख रहा हूँ इसके लिए मुझे खेद…
दरिया साकळो वेड़ो बोआरती पड़ी ती, इते दरिया री देरांणी आए अन बोली – लाडी आज वळे बजार गयी है? दरिया लारे जोए अन बोली- बाई की करां ? अरजन…