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Tag: अमरदान आशिया पर्वतीतलाई

धाट पारकर भाषाई अस्मिता- अमरदान आशिया पार्वतीतलाई

सादर जय माता जी री। सर्वप्रथम, भावों की पूर्ण अभिव्यक्ति न हो पाने के कारण मैं धाटी में न लिख कर हिंदी में लिख रहा हूँ इसके लिए मुझे खेद…

कथा रो नाम-चूनड़ी (अमरदानजी आशिया पर्वतीतलाई)

दरिया साकळो वेड़ो बोआरती पड़ी ती, इते दरिया री देरांणी आए अन बोली – लाडी आज वळे बजार गयी है? दरिया लारे जोए अन बोली- बाई की करां ? अरजन…