Sat. Apr 19th, 2025

Tag: राम बी गढवी नविनाळ कच्छ

भजन सम्राट पुज्य नारायण बापुनी एक रचना

भजन सम्राट पुज्य नारायण बापुनी एक रचना महामाया चरणे मनडुं छे मारुं महामाया चरणे मनडुं छे मारुं तन मन धनथी तुज पर वारुं महामाया चरणे… समरण करुं त्यां सहाय मळे…

दिल जी गाल दिल में र‌इ = आइ श्री सोनलमाताजी नी कच्छी वंदना

दिल जी गाल दिल में र‌इ = आइ श्री सोनलमाताजी नी कच्छी वंदना दिल जी गाल यार दिल में र‌इ रे रामा, दिल जी गाल यार दिल में र‌इ कोसीसों…

एक वखते मुनी नारद- पिंगळशींभाइ नी रचना (प्रभाती)

एक वखते मुनी नारद- पिंगळशींभाइ नी रचना (प्रभाती) एक वखते मुनी नारद कंस पासे आवीया लळीने ते पाय लाग्यो, विधी करीने वधाविया एक वखते मुनी नारद… नारदजी पछी कंस प्रत्ये…

लेख कागळ लख्या तात प्रहलादने काळने जीतवा कलम टांकी = कागबापु द्वारा रचित "झूलणा-छंद"

लेख कागळ लख्या तात प्रहलादने काळने जीतवा कलम टांकी = कागबापु द्वारा रचित “झूलणा-छंद” लेख कागळ लख्या तात प्रहलादने काळने जीतवा कलम टांकी वर्षनां वर्ष विचार करीने लख्युं मागवा नव…

भजन सम्राट पुज्य नारायण बापुनी एक रचना – महामाया चरणे मनडुं छे मारुं

भजन सम्राट पुज्य नारायण बापुनी एक रचना – महामाया चरणे मनडुं छे मारुं महामाया चरणे मनडुं छे मारुं तन मन धनथी तुज पर वारुं महामाया चरणे… समरण करुं त्यां सहाय…

चारणकवि श्री दिलजीतदान बाटी द्वारा लखेल चरज = आइ करुं छु अरजी

चारणकवि श्री दिलजीतदान बाटी द्वारा लखेल चरज = आइ करुं छु अरजी आइ करुं छुं अरजी मारो साद कां सुणे नइं कया अपराधे करणी अमथी मुख मरोडी गइ होय हजारो…

सोनबाइ मां नी इच्छा अने कागबापु ना शब्दो द्वारा चारणोने शीखामण

सोनबाइ मां नी इच्छा अने कागबापु ना शब्दो द्वारा चारणोने शीखामण छोरुने मात समजावे आवा कोइ चारणो आवे छोरुने मात समजावे, आवा कोइ चारणो आवे…(टेक) धीर-गंभीरा,धारणवंता,पापमां जेना न पाव; (२)…

लीली वाडीनी राखणहार…सोनबाइ सोरठवाळी

लीली वाडीनी राखणहार…सोनबाइ सोरठवाळी लीली वाडीनी राखणहार…सोनबाइ सोरठवाळी चारणकुळनी तुं तारणहार..मातवडी मढडावाळी ए…तोळा नाम तणो परताप….दु:खनो डुंगर टळ्यो ज्यारे ज्यारे में दिधो तोळे साद…होंकारो तोळो सामो मळ्यो लीली वाडीनी राखणहार….…

चारणकवि श्री दादबापु द्वारा रचित आवड मां नी चरज =आवड तुं उपरे आवे

चारणकवि श्री दादबापु द्वारा रचित आवड मां नी चरज =आवड तुं उपरे आवे आवड तुं उपरे आवे रे, बाइ तुने बाळ बोलावे…२ चडी कां तो नींदना झोले, बोलावी बोलना बोले…

ब्रह्मलीन पुज्य नारायण बापु नी अमर रचना- मढडावाळी माता ने वंदन अमारा

ब्रह्मलीन पुज्य नारायण बापु नी अमर रचना मढडावाळी माता ने वंदन अमारा नित उठी प्रभाते करू दर्शन तमारा कठणकळी काळ मां छे आशरो तमारो,बाळक जाणी मने पार उतारो अज्ञान रूपी…