Sat. Apr 19th, 2025

Tag: कवि श्री जोगीदानजी चडीया

चारण नी द्रस्टीये द्रोपदी – रचना: जोगीदान चडीया

द्रोपदी एक क्षत्रीयांणी हती, राजपूती धर्म अने युद्ध नी कळा ने जांणवावाळी समर्थ विरांगना हती, आजे जो कोई सामान्य स्त्री ना सीयळ पर कोई दुष्ट नजर करे अने आजनी सामान्य…

कवि काग वंदना- रचना – कवि श्री जोगीदान चडीया

कवि काग वंदना रचना: जोगीदान चडीया कोटी कोटी वंदन छे दुल्ला काग ने, धऩ्य मां धाना ने धन्य भाया बड भाग्य रे… कुळ वंत कोडीला…. कोटी कोटी वंदन छे दुल्ला…

कहो वीर चारणो केवा – कवि श्री जोगीदान चडीया

कहो वीर चारणो केवा रचना: जोगीदान चडीया ढाळ: सुना समदर नी पाळे दोहो कलमु किरपांणुं ग्रही, पकड्यो चारण पंथ जोधो अणनम जोगडा, कंकणवाळी नो कंथ गीत कहो वीर चारणो केवा…

बाळपण –  रचना: जोगीदान चडीया

बाळपण –  रचना: जोगीदान चडीया मुल्युं ना कोयथी मुलाय बाळपण केवुं अलबेलडु… भुल्युं ना जरीये भुलाय बाळपण केवुं अलबेलडु…टेक भोळुडुं बाळ रुप लागे भगवान नुं वळी नई कळजुग नो वान…

सोनल गई सिघार – जोगीदान चडीया

|| सोनल गई सिघार || रचना : जोगीदान चडीया गमियो खुब गमारने, दारु तणों दीदार जे दुख हारे जोगडा, सोनल गई सिधार.१ कर्यो न नाते कोयदी, ऐक वखत ईकरार जगसे…

आई नी अकळांमण – जोगीदान चडीया

आई नी अकळांमण छंद : सारसी दोढेक लीटर पीये दारु, चिकन मुरगां चावता. मंडाय पाछा मंच माथे गीत सोनल गावता. देवीय कोटी वरण देखो जुवो कई दिश जाय छे. ज्वाळा…

चारण साडा त्रण प्हाडा

चारण साडा त्रण प्हाडा- जोगीदान चडीया द्वारा रचित रचनाओं के साथ. प्रथम,प्हाडो छंद: मनहर कवित   || नरा चाळ अवसूरा  || रचना: जोगीदान चडीया नरा कूळदेवी मात रवेची को लीयो नामशंकर…

खोडल तारा खेल- रचना: जोगीदान चडीया

|| खोडल तारा खेल || रचना: जोगीदान चडीया   पोगेय तुं पताळमां, गगने करती गेल. जोया चारण जोगडे, खोडल तारा खेल.||01|| (हे मा खोडल..तुं पलक मां पाताळे पोगे तो बीजी क्षणे…