श्री करणी मां री चिरजा- राजेन्द्र दान विठू (कवि राजन) झणकली
श्री करणी मां री चिरजा रचना- राजेन्द्रदान विठू (कवि राजन ) झणकली मंदर थारो मोटो है माई देशांणो हर इक को दाई।। वेल ऊंची धजा असमान फरुके नभ मो…
श्री करणी मां री चिरजा रचना- राजेन्द्रदान विठू (कवि राजन ) झणकली मंदर थारो मोटो है माई देशांणो हर इक को दाई।। वेल ऊंची धजा असमान फरुके नभ मो…
श्री जोमां मां रो छंद रचना-–राजेन्द्र दान विठू(कवि राजन) झणकली आखर दीजो ऊजळा गुण मां थारा गाय कथूं मात तव कीरती रसना बसों सुरराय।। चित मो कीजो चांनणो भजूं…
श्री गंगा मैया रो छंद सुरसती उर रहो सदा दीजो आखर दान। सुंदर रचना कर सकूं धरूं गंग चित ध्यान।। शिव जटा पर रही सदा प्रकटे नीर पवित पाप हरे…
श्री वीरों माँ भिंयाड़ छंद रचना – राजेन्द्रदान वीठू (कवि राजन झणकली) रावळ गुड़े रांण रो अरी दळ आयो एक गऊ ले गयो गांम रे हुकम न छोड़ी हेक।।…
श्री शिव तांडव नृत्य रचना। राजेंद्र दान।। कवि राजन झणकली।। शिव हर धर सरग पर सांप्रत रचायो साच। कर कर सेन केलासपत नाचत तांडव नाच। 🙏छन्द रैंणकी🙏 धर धर कर…
श्री सूरज भगवान रो छंद रचना- राजेंद्र दान (कवि राजन)झणकली। काछब सुत किरपा करो आपो दया अपार। वंदों प्राणी जन वनसति आप बिन घोर अंधार।।,,,,,1 हेवर सत रथ हांकता पहुमि…
श्री कृष्ण रास लीला रचना राजेंद्र दान।। कवि राजन।।झणकली। नटवर नागर नित नित रसिक मिजाजी रंग। रमे कानूड़ो रिझ रिझ सदा गोपियों संग। सज राधे संग श्याम रचीज लीला रास।…
श्री वीरों माँ री चिरजा भलो घणो है नगर भीमाणो सती बिराजे वीरों सगत। सदा पुकार सुणे माँ सगती भजतो आवे बेल भगत। भलो घणो है नगर भीमाणो,,,,,,1 जनमी विठू…