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Tag: कवि मधुकर माड़वा (भवरदानजी)

पेमां महा सती (पेमां महा सती का जन्म बोगनियाई मीसण जाती में हुवा था)- कविराज भंवरदानजी "मधुकर माड़वा"

पेमां महा सती पेमां महा सती का जन्म बोगनियाई मीसण जाती में हुवा था। जन्म समय ओर माता पिता का नाम अग्यात है। पेमां सती का विवाह मदासर नाला रतनू…

रजवट भाषा नै राखणियां, आवो मिल साथ आवाज करे- भंवरदान (कवि-मधुकर माडवा)

आज तीस मार्च राजस्थानी दिवस मोके पर मायड़ भाषा मान्यता तेज करनै कि मुहिम का आहवान करता मधुकर काव्य निजर । राजस्थानी दिवस री, तारिक आयी तीस। मायड़ भाषा मधुकरा,…

भारत के शेर अभिनंदन कि रिहाई के कुछ काव्य निजर कवि मधुकर (भंवरदानजी माड़वा)।

भारत के शेर अभिनंदन कि रिहाई के कुछ काव्य निजर कवि मधुकर (भंवरदानजी माड़वा)। 01. आज मोदी जी नै विदेश निती, रणनिती, कूटनिती, राजनिती, इन चार निती पर पुर्ण विजय…

श्री आई राजल इकविसी सुजस- कवि भँवरदान माड़वा मधूकर कृत

श्री आई राजल इकविसी सुजस।                   दुहा दिल्ली हसिना देखती, नर हिणा उण नार। अकबर भमंर उडिकतो, बण ठण मिना बजार।।1 कूरिती करी कुबदियै, अकबर धरी अनीत। भूण्डापण मधुकर भरी,…

पलवामा काशमीर हमलै के बाद का द्रश्य देख कर उन कबर वालां के समक्ष चेतावनी काव्य निजर कवि मधुकर माड़वा

पलवामा काशमीर हमलै के बाद का द्रश्य देख कर उन कबर वालां के समक्ष चेतावनी काव्य निजर कवि मधुकर माड़वा ।         ।।दोहा ।। पलवामा तण पापियो , काशमिरी…

केशरीसिह बारहठ जयंती सुजस – भवरदान माड़वा मधुकर

अमर शहिद केशरीसिह बारहठ जयंती सुजस कवि भवरदान माड़वा मधुकर निजर। अमर शहिद वंदन अती, केशर जती कहाय। सत पैंतालिस सुकृती, जयन्ती जचवाय ।(1) ।।छंद गिया मालती ।।  देवपुर जागिरदारा,…

रामजी री चालिस पिढी तक रा वर्णण – मधुकर माड़वा (भवरदानजी)

ब्रह्मा के मरिची बेटै, मरिची कश्यप मुणां, कश्यप के पूत, विस्ववान कहलायै है। विस्ववान के वेवत्स, वेवत्स इक्षाकु बणै, वीर महा नगर वो, अहोध्या बसायै है। इक्ष्याकु कै कुक्षी अरू,…

राजस्थान की प्रशिद लोक देवियां कवित – कवि मधुकर माड़वा (भवरदानजी)

राजस्थान की प्रशिद लोक देवियां कवित कवि मधुकर   करनल मात कहै, देशनोक बीकानेर, चुवां वाली देवी जग, चावा जस चया है। तैमड़ा तणोट आद स्वांगिया मालण तहां, जगत जैसांण…

जांमा सति का त्रिभंगी छंद – कवि मधुकर माड़वा (भवरदानजी)

धन्य सुन्दर तण धिवड़ी, निज उण जांमा नाम। हड़वेची जल अमर हुइ, कर सुकरत भल काम।(1) जाती तणा किया जतन, गाल सती धन गात । पात देथो  अमर पती, मीठड़ियै…