Thu. Nov 21st, 2024

Tag: कवि मधुकर माड़वा (भवरदानजी)

जांभा सुजस – कवि भंवरदान माडवा “मधुकर”

।।दोहा।।अवनी जीव ऊद्धारणा, संत सुधारणा शम्भ।विश नव जात वधारणा, जय जोगेश्वर जम्भ।। ।।छंद – त्रिभँगी।।जन मन जयकारा, धन तन धारा, अवन उचारा अवतारा।पिंपासर प्यारा, दीन दुलारा, पुन प्रजारा, परमारा।तपस्या तन…

कवि मधुकर छंद रोमकंद निजर

कवि मधुकर छंद रोमकंद निजर सिंढायच चन्दू सती, वर्ण हन्दू रख वात। शरणो दे ऊदल सदू, अवन बंदु अखियात।1 अखियात सुगात प्रभात उचारत, मात चन्दू वर्ण जात मही। तव आणद…

लूंग मां- कवि मधुकर माड़वा।

।।दोहा।। आई लूंग जन्म इला, उपजाई अनुराग। वरदाई मां विसहथी, भमर गाई बड भाग।।1।। अजित दान पितु आशिया, मायड़ मेतु महान। लूंग जाय घर लाडली, वलदराय वरदान।।2।। साल गिरह नभवै…

मोदी माला – भंवरदान “मधुकर” माड़वा

मोदी माला – भंवरदान मधुकर माड़वा- +919414761361 सादर में कवी मधुकर आज भारत देश के इन शहादती जवानां को श्रदांजली देता हुवा नमन करता हू। ओर भारत कि जनता सें…

माँ करणी मेरवान – मधुकर

कय मधुकर जय करनला, किरपा दय किनियान। काव्य सधर लय कथणी, सय सुख घर शुभियान। साय तमां रिछपाल हमां सद, आप नमां अहसान अपारा। हाँ हम बाल झिकाल किया हद,…

कुछ दिन पहले परशुराम जयन्ती थी, तो मेंनै भगवान का एक कवित बनाया था तो  मेरै एक ब्राहम्ण मित्र ने छंद बनाने का आग्रह किया ,तब आज यह छंद आपके सादर निजर मधुकर

कुछ दिन पहले परशुराम जयन्ती थी, तो मेंनै भगवान का एक कवित बनाया था तो  मेरै एक ब्राहम्ण मित्र ने छंद बनाने का आग्रह किया ,तब आज यह छंद आपके…

आज एक सोहणा गीत जिसमें सुकवी ओर कुकवी कि पहचान को दरसाता यह सुकवियां को तो सोहणा लगेगा ।पर कुकवियां के शरीर में डांभ,, वेदना होगी तो देखियै सादर निजर मधुकर

आज एक सोहणा गीत जिसमें सुकवी ओर कुकवी कि पहचान को दरसाता यह सुकवियां को तो सोहणा लगेगा ।पर कुकवियां के शरीर में डांभ,, वेदना होगी तो देखियै सादर निजर…

श्री रामदयाल जी बिठू को श्रद्धा सुमन अर्पित कवि मधुकर ।

श्री रामदयाल जी बिठू को श्रद्धा सुमन अर्पित कवि मधुकर । परम परमारथी आतमा ,समाज सेवी ,जाती रतन श्री रामदयाल जी बिठू का कुछ समय पहलै सुरगवास हो गया ।वह…

ओह रिशतै अजांण, पती पतनी प्रखांण- कवि मधुकर भंवरदानजी

ओह रिशतै अजांण , पती पतनी प्रखांण ,लेखो कुण ले लिखांण ,प्रीत के प्रमांण है । ब्याव को बणै विधाण ,जीवन विताण जांण ,आपरचित मिले आंण ,जाण ना पेचांण है…

श्री आवड़ माँ दूण चालिसा छंद बे अखरी मात्रा (१६)अंत गुरू

🙏🏼🙏🏼श्री आवड़ माँ दूण चालिसा छंद बे अखरी मात्रा (१६)अंत गुरू तेमड़ भगतां तारणी ,आवड़ रो जस आख ।मधुकर वरणे माड़वे ,दूण चालिसो दाख ।🙏🏼🙏🏼⛳⛳🙏🏼   शुभम ऊचारो माँ सुरसती…