Fri. Nov 22nd, 2024

जाग हवे तुं, जाग रे जोगी ~ जयेशदान गढवी

(आत्मा जोगी छे, मन भोगी छे। ज्यारे आत्मभाव जाग्रत थाय छे, त्यारे निज ना साचा स्वरूप नी ओञख थाय छे। ऐवा निजतत्व ने जाग्रत करवा आह्वान करतु काव्य……) ।। जाग…

गुरु मारी आतम ज्योत जगावो ~ जयेशदान गढवी

वञग्युं छे मनडुं मोह केरी वाते। चित ने जागी झंखना, सुरज नी मधराते। अंजवाञा पाथरवा ने आवो…. गुरु मारी आतम ज्योत जगावो…… * जीव मारे फांफा जीव ने स्वभावे ।…

परम् पुज्य आई नागबाई माँ

{{पींगलशीभाइ पी पायक//मातृदर्शन}} पोस्ट टाइप :- सामराभाई पी. गढवी, गाम मोटी खाखर (कच्छ) मोरारदानजी सुरताणीया गाम:- मोरजर (कच्छ) आई नागबाई जुनागढना छेल्ला रा-मांडलिक त्रीजानां समकालीन हतां. रा मांडलिक सं, १४८९…

श्री किरपारामजी खिड़िया री विलक्षण सूझ बूझ – राजेंद्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर

विलक्षण बुध्दिलब्धी अर महान मेधा रा धणी किरपारामजी खिड़िया रीति-नीति अर मर्यादा रा मोटा मानवी हा। किरपारामजी रो आदू गांव जूसरी नागौर जिला री मकराणा तहसील कनै आयो थको पण…

आई श्री गंगामां प्रथम वंदना ~ जयेशदान गढवी

सद्गुरु देवेभ्यो नम: ।। आइ श्री गंगामां की सद्गुरु स्वरूप में मेरे शब्दों द्वारा की गई प्रथम वंदना।। ।। छप्पय ।। हवन करी धरी हेत, पाठ हरिरस रो पढ़यो ।…

कविराज खूमदान लांगीदानजी बारहठ

कवि खूमदान बारहठ अभिनन्नदन पत्र धाट पारकार समाज द्वारा चंपानगर Previous Next नाम खूमदान बारहठ माता पिता का नाम पिता लांगीदानजी बारहठ जन्म व जन्म स्थान पाकिस्तान के चारणवास ग्राम…

भगवती आई श्री वानुमा मोरझर कच्छ

महासती आई वानुमा (मोरञर – कच्छवाणा) ओखी पडे मा आवजो आई थजो आधार।कर जोडी जीवण कहे वानमा करजो वार।। आई जीवांबाई महियाणी संवत १७११ मां सति थया. त्यार पछीना वर्षे…

हिये दरस री हाम ~ डॉ. नरपतदान आसिया “वैतालिक”

पंथ विकट पाळो चलण, माथे अनड मुकाम। हुकम करो हिंगळाज मां, हिये दरस री हाम॥1 मन मंदिर मँह मावडी, करता रोज मुकाम। महर करो माजी हमें, हिये दरस री हाम॥2…

माँ हिंगलाज का छंद – कवि अज्ञात

॥दोहा॥ आद भवानी ईसरी, मोर भवानी माय। कळा रचै अब कांमणी, रमै गिरंदां राय॥ 1 ॥ ॥छंद: नाराच॥ भमंक अंज काळ भंज सिंघ संज सज्जियै। झमंक झंझ ताळ खंज वीर…

हिंगल़ाज वंदना – डॉ. नरपत दान आसिया “वैतालिक”

🍀नाराच छंद🍀 शिवा! अनूपमेय! शक्ति! सांभवी! मनोहरी! । त्रिशूलिनी! भुजंग-कंकणा! , त्रिलोकसुंदरी। सुभव्यभाल, केश-व्याल, माल -लाल, कंजनी। भजामि मात हिंगल़ाज भक्त भीड भंजणी।।१।। ध्वनि मृदंग ध्रंग ध्रंग चारू चंग बज्जही।…