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ईश्वर की गहन गति का वर्णन- कवि खूमदानजी बारहठ

ईश्वर की गहन गति का वर्णन दोहा गहन गति प्रभु की गिणो, वर्णे कोण वखाण। रहे अन्दर बाहर रमें, कैक रचे कमठाण।। छंद जात सारसी के के रचाना कमठाणा, जगत…

कवि कृपाराम जी खिडिया (बारहट)

कवि कृपाराम जी खिड़िया (बारहट) तत्कालीन मारवाड़ राज्य के खराड़ी गांव के निवासी जगराम जी के पुत्र थे। जगराम जी को कुचामण के शासक ठाकुर जालिम सिंह जी ने जसुरी…

साता, तरला – बाड़मेर (मुळ गाम-राठी, पारकर, पाक) मेहडू परिवार वंशवाली/पीढ़ी

पेढ़ीनामा साता व तरला (मुळ गाम-राठी, पारकर, पाक) महेडू परिवार ——————————————- कई जातियों के नाम व्यक्ति विशेष के नाम पर या किसी गांव पर जाति का नाम प्रचलित होता रहा…

मोतीसिंह जेठाभाई महेडू [गढ़वी]

नाम श्री मोतीसिंह जेठाभाई महेडू (गढ़वी)  उपनाम मुक्त कवि  जन्म वि.स. – १९५२. आषाढ़ सूद ११.  पता  सामरखा, ता.- आणंद, जीला- खेड़ा, गुजरात  विविध पिता – श्रध्धेय जेठाभाई हलुभाई महेडू…

पद्मश्री दुला भाया काग

नाम पद्मश्री दुला भाया काग जन्म तुंबेल (परजिया चारण) कुल में सौराष्ट्र के महुवा के पास सोडवदरी गांव में 1958 कार्तिक वद अगियारस शनिवार 25 नवम्बर 1902 में हुआ। स्वर्गवास वि.स.…

महाराणा प्रतापसिंहजी की वीरोचित उदारता – राजेंद्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर

हल्दीघाटी रा समर होवण में ऐक दोय दिनां री ढील ही, दोनों ओर री सेनावां आपरा मौरचा ने कायम कर एक बीजा री जासूसी अर सैनिक तैयारियां री टौह लेवण…

पाकिस्तान में चारणों के निवास वाले कुल गाँव.

*पाकिस्तान में चारणों के निवास वाले कुल गाँव। 01. _पारकर क्षेत्र के गाँव इस प्रकार थे:-_ 1. राठी – मेहडू, देथा, रोहड़िया, मीसण, खड़िया, लाळस, रतनु, बीठू   2. मऊ…

अथ छाछरो के भोजराज सोढा लालजी और वींझराजजी का मरसिया – संग्रामसिंह सोढा

अथ छाछरो के भोजराज सोढा लालजी और वींझराजजी का मरसिया कवि खूमदान बारहठ कृत टँकन कर्ता  – संग्राम सिंह सोढा सचियापुरा दोहा छत्रिकुळ वंका छाछरे, देतल कवियां दात। कर भलप…

सोढाण रा स्वतन्त्रता सैनानी ~ संग्रामसिंह सोढा

सोढाण रा स्वतन्त्रता सैनानी सिद्ध जिद्द सैनाणियां ,हद राखी हिंदवाण। धड़ रहतां नह दी धरा ,सो धरती सोढाण।।1।। गोरां रा दळ घेरिया,काळूझर कल्याण। कायम राखी कीरती,सो धरती सोढाण।।2।। मरसां तो…

सोढाण री देवियां अर सतियां ~ संग्रामसिंह सोढा

सोढाण री देवियां अर सतियां  आवड़ एथ ज अवतरी,दुख काटण दुनियाण। समद हाकड़ो सोखणी,सो धरती सोढाण।।1।। हिंगळा प्रगटी एथ ही,मात वडी पिछमाण। मेहर मकवाणां तणी,सो धरती सोढाण।।2।। देवल खारोड़ै दिपै,परचा…