Tue. Aug 5th, 2025

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आजे वसौत पंचमीना शुभदीने हांसबाइ मां ने चरणे वंदना

आजे वसौत पंचमीना शुभदीने हांसबाइ मां ने चरणे वंदना कच्छमें बिराज्या हांसल हेतसें मढडेवाळी सोनल जेडो स्नेह रे रतडीया गामे.. कच्छमें बिराज्या हांसल हेतसें. भोंख्यें के भोजन मले भावसें..२ वेणे…

लेख कागळ लख्या तात प्रहलादने काळने जीतवा कलम टांकी = कागबापु द्वारा रचित "झूलणा-छंद"

लेख कागळ लख्या तात प्रहलादने काळने जीतवा कलम टांकी = कागबापु द्वारा रचित “झूलणा-छंद” लेख कागळ लख्या तात प्रहलादने काळने जीतवा कलम टांकी वर्षनां वर्ष विचार करीने लख्युं मागवा नव…

चारणी जोगमाया मढडावाळा आइ सोनबाइ रचित चरज "विंझणो"

चारणी जोगमाया मढडावाळा आइ सोनबाइ रचित चरज “विंझणो” माडी ते तो शेनो रे गुंथ्यो छे,अावो रुडो विंझणो… माडी ते तो केवो रे गुंथ्यो रे,अनुपम विंझणो माडी तें तो केवो रे…

चारणकवि पद्मश्री कागबापु द्वारा रचीत त्रीभंगी-छंद

चारणकवि पद्मश्री कागबापु द्वारा रचीत त्रीभंगी-छंद ए चारणनुं कर्म हतुं सत् उच्चरवानुं,तप करवानुं ए चारणनुं कर्म हतुं – जी, ए चारणनुं कर्म हतुं. (टेक) इर्षा करवानुं,मद धरवानुं,मागण वृत्तिए फरवानुं पर…

चारणकवि श्री कागबापु द्वारा रचित छंद = भुजंगी

चारणकवि श्री कागबापु द्वारा रचित छंद = भुजंगी दोहो शांतिकरण जग भरण तुं घडण घणा भवघाट नमो आद्य नारायणी, विश्वरुप वैराट छंद = भुजंगी नमो ब्रह्मशक्ति महाविश्वमाया नमो धारनी कोटी…

आई थारो आसरो- खेतदान बारहठ भादरेस

आई थारो आसरो- खेतदान बारहठ भादरेस आई थारो आसरो,            सुरराई सदाय। वरदाई मां विशहथी,            मेहाई महमाय। संकट सरणी सेवगां,            वेदां वरणी वात। तारण तरणी हार तुं,           …

चारणकवि श्री माणेक थार्या जसाणी द्वारा रचित आइ श्री गागल माताजी नो छंद {छंद=दृमिला}

चारणकवि श्री माणेक थार्या जसाणी द्वारा रचित आइ श्री गागल माताजी नो छंद {छंद=दृमिला} विपरीत संजोगोना वमळमां     ज्यारे जीव तमारो मुंजाय घणो अकळाय हैयुं ना उपाय सूझे     एवि…

जाजी रे खमायुं सोनल

जाजी रे खमायुं सोनल जाजी रे खमायुं सोनल तने जाजी रे खमायुं चारणकुळनी तारणहारी तने जाजी रे खमायुं काळा वादळ वळीयां काळी रातने अंधारीयुं वीजळी रुपे जबुकी सोनल तुं आविने…

शीखामण आपे सोनल आई

शीखामण आपे सोनल आई ढाळ – पग मने धोवा द्यो रघुराय शीखामण आपे सोनल आइ जी आपे सोनल आइ,हे जी समजो चारण भाइ शीखामण आपे सोनल आइ जी दाम लइने…

हिंगलाज हाजरा हजुर,माजी तमे बेठा मकराण मां

हिंगलाज हाजरा हजुर,माजी तमे बेठा मकराण मां हिंगलाज हाजरा हजुर, माजी तमे बेठा मकराण मां देवीनो डुंगरीयो दूर, माजी तमे बेठा मकराण मां (टेक) उज्जड अरण्यना दुख वेठाय ना, पंथ…