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कागबापुनी रचना=आज तरछोड मा जोगमाया

कागबापुनी रचना=आज तरछोड मा जोगमाया भान बेभानमां मात ! तुजने रट्या, विसारी बापनुं नाम लीधुं…, चारणो जन्मथी पक्षपाती बनी, शरण जननी तणुं एक लीधुं…, तें लडावी घणा लाड मोटा कर्या,प्रथम…

छंद त्रीभंगी- परतापे पुरी, निरमळ नूरी, सतव्रत सूरी, सरसाई (रचना – जीवणदान गढवी)

छंद त्रीभंगी– परतापे पुरी, निरमळ नूरी, सतव्रत सूरी, सरसाई (रचना – जीवणदान गढवी) परतापे पुरी, निरमळ नूरी, सतव्रत सूरी, सरसाई। दारिद कर दूरी, क्रोध करुरी, बळ भरपूरी, तुं बाई। भंजण…

मन मायाळु जेना दिल दयाळु एवा माताजीना मढडे जावुं

मन मायाळु जेना दिल दयाळु एवा माताजीना मढडे जावुं मन मायाळु जेना दिल दयाळु एवा माताजीना मढडे जावुं… रे बेलीडा मारे सोनलना शरणे जावुं… सोरठ धरामां संत बिराजे जननीना दर्शने…

एकली ऊभी अयोध्यानी नार=चारणकवि पद्मश्री कागबापु द्वारा रचीत भजन

एकली ऊभी अयोध्यानी नार=चारणकवि पद्मश्री कागबापु द्वारा रचीत भजन एकली ऊभी कोइ अटूली अजोधानी ना…र (२); बाप बेटानां दाण मांगे छे,मसाणुं मोझार एकली ऊभी… राणी हती ते दासी बनेली,दास थयो…

मछराळी मोगल=कागबापु द्वारा रचीत मां मोगल नी वंदना

मछराळी मोगल=कागबापु द्वारा रचीत मां मोगल नी वंदना मछराळी मोगल! गांडी थइ, डणकी रे डुंगर गाळीये; नव रे नगर ने नव नेस रे. (टेक) माडी, तें काळा रे सरपुंने कीधो…

चारण कवी बलदेव भाइ नरेला रचित आइ सोनल नी चरज

चारण कवी बलदेव भाइ नरेला रचित आइ सोनल नी चरज मढडामां भाळी में मरमाळी रे,माताजी तारी मुरती रे जी (टेक) लाख लाख दीवडाना,तनथी तेजाळी रे (२) हे जी एणे आतमना…

चारणयुगल द्वारा राणागाममां करेल कमळ पुजा

चारणयुगल द्वारा राणागाममां करेल कमळ पुजा स. 1947ना (इ.स. 1910) अषाढनी अंधारी बारशनी अधराते आ वात बनी ग‌इ छे. ‘बाराडी’ तालुकानो कोइपण तुंबेल चारण ज्यारे भेटी जाय छे त्यारे जेठा…

दीधा रे विसारी बीजा देवने = चारणकवि श्री आल द्वारा रचित सोनबाइ मां नी चरज

दीधा रे विसारी बीजा देवने = चारणकवि श्री आल द्वारा रचित सोनबाइ मां नी चरज दीधारे विसारी बीजा देवने जगदंबा तमने किधाछे एकज याद. भेळीया वाळी रे वीस भुजाळी रे…

सोनल अमने सांभरे- रचना – चारण कवि लाखाभा गोरा

सोनल अमने सांभरे रचना – चारण कवि लाखाभा गोरा आइ सोनल अमने सांभरे,हे जगदंबा एटली सांभरे चारणकुळ नी जोगमाया,नवलाख लोबडीयाळी सांभरे रे अमने सोनल एटली सांभरे रामे रावण ने मारियाे,ब्रह्म…