चारण कवी बलदेव भाइ नरेला रचित आइ सोनल नी चरज
चारण कवी बलदेव भाइ नरेला रचित आइ सोनल नी चरज मढडामां भाळी में मरमाळी रे, माताजी तारी मुरती रे जी (टेक) लाख लाख दीवडाना,तनथी तेजाळी रे (२) हे जी एणे…
चारण कवी बलदेव भाइ नरेला रचित आइ सोनल नी चरज मढडामां भाळी में मरमाळी रे, माताजी तारी मुरती रे जी (टेक) लाख लाख दीवडाना,तनथी तेजाळी रे (२) हे जी एणे…
एकली ऊभी अयोध्यानी नार=चारणकवि पद्मश्री कागबापु द्वारा रचीत भजन एकली ऊभी कोइ अटूली अजोधानी ना…र (२); बाप बेटानां दाण मांगे छे,मसाणुं मोझार एकली ऊभी… राणी हती ते दासी बनेली,दास थयो…
धर्मना भाइ माटे बलिदान आपनार “आइ श्री विसरी माताजी” कच्छनी केशरी भुमी माटे कविने लखवुं पडे छे… पथराळ, खळकाळ, विकराळ छतांय स्नेहनी सरिता वहावती बावळ तणी शुरो महीं पण प्रेम…
चारणकवि श्री शंकरदान जेठीदान देथा द्वारा रचीत हिंगलाज माताजी नो छंद हरिगीत = हिंगला अधहारणी दोहो उपजावनी खपावनी, विश्वंभरी वडराय, जय…
भजन सम्राट पुज्य नारायण बापुनी एक रचना महामाया चरणे मनडुं छे मारुं महामाया चरणे मनडुं छे मारुं तन मन धनथी तुज पर वारुं महामाया चरणे… समरण करुं त्यां सहाय मळे…
दिल जी गाल दिल में रइ = आइ श्री सोनलमाताजी नी कच्छी वंदना दिल जी गाल यार दिल में रइ रे रामा, दिल जी गाल यार दिल में रइ कोसीसों…
एक वखते मुनी नारद- पिंगळशींभाइ नी रचना (प्रभाती) एक वखते मुनी नारद कंस पासे आवीया लळीने ते पाय लाग्यो, विधी करीने वधाविया एक वखते मुनी नारद… नारदजी पछी कंस प्रत्ये…
लेख कागळ लख्या तात प्रहलादने काळने जीतवा कलम टांकी = कागबापु द्वारा रचित “झूलणा-छंद” लेख कागळ लख्या तात प्रहलादने काळने जीतवा कलम टांकी वर्षनां वर्ष विचार करीने लख्युं मागवा नव…
आज एक सोहणा गीत जिसमें सुकवी ओर कुकवी कि पहचान को दरसाता यह सुकवियां को तो सोहणा लगेगा ।पर कुकवियां के शरीर में डांभ,, वेदना होगी तो देखियै सादर निजर…
श्री रामदयाल जी बिठू को श्रद्धा सुमन अर्पित कवि मधुकर । परम परमारथी आतमा ,समाज सेवी ,जाती रतन श्री रामदयाल जी बिठू का कुछ समय पहलै सुरगवास हो गया ।वह…