चारणकवि गोदड़जी मेहडू परिचय- डॉ. तीर्थकर रतुदानजी रोहड़िया
हमारे यहां केवल दो प्रकार के साहित्य देखने को मिलते हैं। भाषा साहित्य और धर्म साहित्य, लेकिन चारणी साहित्य एकमात्र साहित्य है जो ज्ञातिलक्षी साहित्य है। हिंदी साहित्य के इतिहास…
हमारे यहां केवल दो प्रकार के साहित्य देखने को मिलते हैं। भाषा साहित्य और धर्म साहित्य, लेकिन चारणी साहित्य एकमात्र साहित्य है जो ज्ञातिलक्षी साहित्य है। हिंदी साहित्य के इतिहास…
कविराज दयालदास सिंढायच और उनकी रचनाएं राजस्थान की साहित्यिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक चेतना और विकास में चारण जाति की महनीय भूमिका रही है, इस बात को इतिहास और संस्कृति के…
स्वामी कृष्णानन्द जी सरस्वती का जन्म सन् – 1900 ई. में कृष्ण जन्माष्टमी के दिन बीकानेर रियासत के गाँव दासौड़ी में हुआ। इनके पिता का नाम ठाकुर दौलत दान जी…
मारवाड़ राज्य के धुंधल गांव के एक सीरवी किसान के खेत में एक बालश्रमिक फसल में सिंचाई कर रहा था पर उस बालक से सिंचाई में प्रयुक्त हो रही रेत…
टोडरमलजी चांचडा एक समय जब बाबर बहुत शक्तिशाली हो गया तब सभी राजा महाराजाओं ने महाराणा सांगा के साथ मिलकर बाबर से युद्ध करने की योजना बनाई और बयाना में…
सिद्ध पुरुष भीमाजी आशिया मालजी आशिया के प्राप्त गाँव को किसी कारणवश भाऊ चौधरी श्राप देकर चले गये थे ! इसी कारण वेरिशाल जी सशंकित थे की उनके कोई पुत्र…
कवी उम्मेदरामजी पालावत एक बार अलवर के राव बख्तावरसिंहजी अपने साथ प्रवीण शिकारी लेकर जंगल में शिकार करने गए ! वहा उन्होंने एक सूअर को गोली मारी, मगर वह घायल…
खिमजी दधिवाडिया (देवल) मेवाड़ के ठिकानो में सारंगदेवोतो का ठिकाना बाठेडा ! यहाँ का जागीरदार राव भोपतराम ,बहुत ही समझदार और गुणग्राही ! उसकी समझदारी की चर्चा आसपास के पुरे…
नाम पद्मश्री डा. सीताराम लालस (सीताराम जी माड़साब के नाम से जनप्रिय) माता पिता व जन्म संबधित हाथीरामजी के सुपुत्र के रूप में 29 दिसंबर 1908 (आसोज सुद ग्यारस बुधवार)…
पूरा नाम कुंवर प्रतापसिंह बारहठ माता पिता का नाम पिता क्रांतिकारी बारहठ केशरीसिंहजी व माता माणक कुँवर जन्म व जन्म भूमि वि.सं.1950 ज्येष्ठ शुक्ला नवमी तदनुसार दि. 24 मई 1893…