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Category: लींबडी कविराज शंकरदानजी जेठीभाई देथा

चारण साहित्य और संस्कृति के शिखर पुरुष :- शंकरदान देथा.

अंग्रेजी कहावत ‘Poets are born, not a made’ अर्थात् “कवित्वशक्ति जन्मजात होती है, सिखायी नहीं जाती’, वाली बात को गलत सिद्ध करनेवाली, अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त’ रा’ओ लखपत व्रजभाषा पाठशाला में…

हिंगळाज माताजी री स्तुति – कविराज शंकरदानजी जेठीभाई देथा (लींबडी)

॥दोहा॥ एका नेका अज्ञेया, अजा अनंता नाम। अगम अलक्षा इशरी, पुनि पुनि करौं प्रणाम॥1 उपजावणी खपावणी, विशंभरी वडराय। जय हिंगोळ जगपावनी, महादेवी महमाय॥2 शंकरणी शंकरप्रिया, विघन हरणी वृषगामि। तारण तरणी…