श्री सीलां माँ रो छंद ~ भंवरदान झणकली
श्री सीलां माँ रो छंद ~ भंवरदान झणकली साल अठ दस सत अठ समे मास घटा प्रिय मात। दनुज गुरु दीप्त चहुदस उदे भया अखियात।।1।। पात हंस पी धर भूत…
श्री सीलां माँ रो छंद ~ भंवरदान झणकली साल अठ दस सत अठ समे मास घटा प्रिय मात। दनुज गुरु दीप्त चहुदस उदे भया अखियात।।1।। पात हंस पी धर भूत…
लाख़ा जमर रौ जस (आउवा पाली) – कवि भंवरदान झणकली “सौल़ह सौ संवत रै बरस तियाल़िसै बीच़। ला़ख़ा ज़मर ज़ालीय़ा सतीया श्रोणित स़ीन्च” “धीरज तज जौध़ाण पत कौफ कीयौ कमधैश।…
हा हा बौल कबूतर बौल खौटा रा पड़दा खौल – कवि भंवरदान झणकली नैक पंखी कल़ जुग रा नारद भाग भरयौ तू भाई। दैश हिन्द मा काईक दिठौ बतलादै कोक…
चारणा री मरजाद – कवि भंवरदान झणकली देव कुळ मों जन्म देती, जीभड़ी अमरत जड़ी। उण जिभ्या पर आज आखर लाख गाळ्या ले थड़ी। ऐ रही मरजाद अब तो माघणा…
चारण खेड़ा – कवि भंवरदान झणकली महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता। सरग कैलाश वैकुण्ठ नी मांगू, मुगती रो नही शोक। लाज मरजाद बोल अमोलख जेथ बसे कवलोक।।…
पिंगळ प्रसंग – कवि भंवरदान झणकली शिष्य:- कवि शिष्ट मुझ दास का, कैसे हो कल्याण। सत उपदेश सुणायके, दीजो विद्या दान।। गुरु:- पहले होगी परीक्षा, कवि सुनो धर कान। बिना…
देवी हेलो दे ~ कवि भंवरदान झणकली पग पग थान अथग परवाड़ा, सब जग सुजस सुणावै हो। आद भवानी मात आवड़ा, अवलु थारी आवै हो। दैवी हैलो दै माँ आवड़…
श्री राधव रासो ~ कवि भंवरदान झणकली भंवर राम भज मन भरीदे वीगती वन दाम। जुग मा जित रे जीवणो कर ले सुकरत काम।।१॥ वंदन करां हंस वाहणी,उकत जथा उर…
पटवारी री पुकार – कवि भंवरदान झणकली चऊदे बरस पढ़ाई चाली खर्ची रकम करारी। वाभोसा प्रसादी बांटे पूत बणयो पटवारी। पहली ठकराहत पटवारी बाजे दूजी थानेदारी। कोण सुने पटवारी थारी…
संकटो में घिरे हुवे सेनानी का सन्देश ~ कवि भंवरदान झणकली दोहा मात सन्देशो मेलियो बेटा छोड़ विवाद। खुश कर याया खान नां आ जा होय आजाद ।।1।। मात पिता…