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Category: हिंगलाज माँ

हिंगोल़राय री स्तुति ~ गिरधरदान रतनू “दासोड़ी”

सरणी है निज सेवगां करणी अणहद काज धर पिछम मे मात धिन हरणी दुख हिंगलाज।। छंद रोमकंद पिछमाण धराल़िय तैं प्रतपाल़िय थांन तिहाल़िय जेथ थपै सत्रु घट गाल़िय संत सँभाल़िय…