जोगमाया रो जस – गिरधरदान रतनू “दासोड़ी”
।।दूहा।। दे भगती सुखदायनी, उगती कंठां आय। है सगती हिंगल़ाज तूं, बीसहथी वरदाय।।१ मरण जलम तूं मेटणी, करण सकल़ रा काज। पड़्यां चरण परमेसरी, हरण दोख हिंगल़ाज।।२ सह बातां समराथरी,…
।।दूहा।। दे भगती सुखदायनी, उगती कंठां आय। है सगती हिंगल़ाज तूं, बीसहथी वरदाय।।१ मरण जलम तूं मेटणी, करण सकल़ रा काज। पड़्यां चरण परमेसरी, हरण दोख हिंगल़ाज।।२ सह बातां समराथरी,…
हिंगलाज यात्रा का महत्त्व और बुधगिरी जी महाराज दसनामी गिरी पंथ में आद्य देवी मा हिंगलाज के पूजन एवं दर्शन का अत्यधिक महत्व है दसनामी संत परंपरा में पूरी पंथ…
आद्याशक्ति माँ हिंगुऴाज पौराणिक देवी है तथा प्राचीन पुराणों मे इसका वर्णन आता है व तंन्त्रचूड़ामणि, वृहन्नीलतंन्त्र, शिवचरित्र आदि मे भी इसका वर्णन है। इस आदिकालीन तीर्थ के अब पाकिस्तान…
।।छंद-बिअख्खरी।। अकळ पंथ कपारो अक्कळ। कहिए खी मोथ कुंड कज्जळ। कोहला परबत राय सकोमळ। आदि अनादि हिंगोळ अणंकळ।।1।। ।।दोहा।। कुंड कणिर अघोर कुंड, चंद्रकूप कुंड चाय। सुरज कुंड जणिथे सळे,…
पंथ विकट पाळो चलण, माथे अनड मुकाम। हुकम करो हिंगळाज मां, हिये दरस री हाम॥1 मन मंदिर मँह मावडी, करता रोज मुकाम। महर करो माजी हमें, हिये दरस री हाम॥2…
॥दोहा॥ आद भवानी ईसरी, मोर भवानी माय। कळा रचै अब कांमणी, रमै गिरंदां राय॥ 1 ॥ ॥छंद: नाराच॥ भमंक अंज काळ भंज सिंघ संज सज्जियै। झमंक झंझ ताळ खंज वीर…
🍀नाराच छंद🍀 शिवा! अनूपमेय! शक्ति! सांभवी! मनोहरी! । त्रिशूलिनी! भुजंग-कंकणा! , त्रिलोकसुंदरी। सुभव्यभाल, केश-व्याल, माल -लाल, कंजनी। भजामि मात हिंगल़ाज भक्त भीड भंजणी।।१।। ध्वनि मृदंग ध्रंग ध्रंग चारू चंग बज्जही।…
हिंगळाज माताजी री स्तुति। कविराज बचुभाई (जीवा भाई रोहडिया) गढवी जो गुजरात रा एक प्रसिध्ध वारताकार (बातपोश) हा। दोहा चाहत जिणने वृंद सुर,चारण सिध्ध मुनीन्द्र। ढूंढत है नित ध्यान मंह,करण…
पाकिस्तान में स्थित कई प्राचीन हिंदू मंदिरों में से सबसे ज़्यादा महत्व जिन मंदिरों का माना जाता है उन्हीं में से एक है हिंगलाज माता का मंदिर. ये वही स्थान…
॥दोहा॥ एका नेका अज्ञेया, अजा अनंता नाम। अगम अलक्षा इशरी, पुनि पुनि करौं प्रणाम॥1 उपजावणी खपावणी, विशंभरी वडराय। जय हिंगोळ जगपावनी, महादेवी महमाय॥2 शंकरणी शंकरप्रिया, विघन हरणी वृषगामि। तारण तरणी…