गीत प्रहास साणोर देवल माँ-गिरधरदान रतनू दासोड़ी
।।गीत प्रहास साणोर।। भलै सोढवत धरै तूं अवतरी माड भू साच मन ईहगां वाच सेवी वीरी तणै उदर रमी तूं बीसहथ देवला रूप हिंगल़ाज देवी१ साहल़ां सांभल़ै बधारै संतजन देव…
।।गीत प्रहास साणोर।। भलै सोढवत धरै तूं अवतरी माड भू साच मन ईहगां वाच सेवी वीरी तणै उदर रमी तूं बीसहथ देवला रूप हिंगल़ाज देवी१ साहल़ां सांभल़ै बधारै संतजन देव…
माड़ रो माड़वो गाम जूनो सांसण। नैणसी, हमीर जगमालोत रो दियो लिखै तो उठै रा वासी उणस़ूं ई पुराणो मानै। इणी गांम में सोढैजी संढायच रै दो बेटा – अखोजी…
महाशक्ति देवल जिन्होंने अपने पिता की जागीर का चौथा हिस्सा अपने पिता के सेवक जो कि बेघड़ जाति का मेघवाल था को देकर बनाया था जमींदार। आजादी के बाद, उस…
गीत संपखरो – तेमड़ाराय रो नमो माडरांणी बखाणी तो सुरारांणी नमो नमो, दीपै भांणी सात अहो भाखरां रै देस। सालिया मेछांणी मुरड़ मंडिया केक संतां, इल़ा मौज माणी राज अन्नड़ां…
जंगी गढ जोधांण मोहनसिंह रतनू जयपुर कदेन जावणो अंबु हवा असुद्व। प्राय वाहन गिरपडै, राह करे अवरूद्व।।१ बारीश में कोटा बुरो, दिन रूकणो नह दोय। माखी माछर मांदगी, हर च्यारुं…
धाट धरा (अमरकोट अर आसै-पासै रो इलाको) सोढां अर देथां री दातारगी रै पाण चावी रैयी है। सोढै खींवरै री दातारगी नै जनमानस इतरो सनमान दियो कै पिछमांण में किणी…
उन्नीसवों सइको राजस्थान में उथल़-पुथल़ अर अत्याचारां रो रैयो। उण काल़ खंड में केई राजावां अर ठाकरां आपरै पुरखां री थापित मरजादावां रै खिलाफ काम कियो। जिणनै केई लोगां अंगेजियो…
साचाणी आ बात मनणजोग नीं है कै मरण रो ई कोई महोछब मनावै !! पण जद आपां राजस्थान रै मध्यकालीन इतिहास नै पढां तो आपां रै साम्हीं ऐड़ा अलेखूं दाखला…
भगवती चंदू रो जनम माड़वा (पोकरण) रै संढायच उदैजी दलावत रै घर मा अणंदू मिकस री कूख सूं उनीसवै शताब्दी रै पूर्वाद मे हुयो। अणंदूबाई ई गुडी रै पोकरणां रै…