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Category: चिरजा

चिरजा- बिड़द रख बीसहथी वरदाई – डॉ गजादान चारण शक्तिसुत

बिड़द रख बीसहथी वरदाई, सेवग दुख हर लीजे सुरराई। खल को खंडन कर खलखंडनि, मेछां उधम मचाई। संतन के मन गहरो सांसो, पुनि-पुनि-पुनि पछताई।।1।। खल संग निर्मल होय सफल कब,…

श्री करणी मां री चिरजा- राजेन्द्र दान विठू (कवि राजन) झणकली

श्री करणी मां री चिरजा   रचना- राजेन्द्रदान विठू (कवि राजन ) झणकली मंदर थारो मोटो है माई देशांणो हर इक को दाई।। वेल ऊंची धजा असमान फरुके नभ मो…

श्री वीरों माँ री चिरजा – राजेन्द्रदान बीठू (कवि राजन)झणकली

श्री वीरों माँ री चिरजा भलो घणो है नगर भीमाणो सती   बिराजे वीरों सगत। सदा पुकार सुणे माँ सगती भजतो आवे बेल भगत। भलो घणो है नगर भीमाणो,,,,,,1 जनमी विठू…

प्रसिध्द ऐतिहासिक चिरजा – रचयिताः- जागावत हिंगऴाजदान जी

!! प्रसिध्द ऐतिहासिक चिरजा !! !! रचयिताः- जागावत हिंगऴाजदान जी !! संदर्भः- बीकानेर के पाँचवे शासक राव जैतसी और मुगल बादशाह हुमायूं के छोटे भाई कांमरानके बीच हुये युध्द जिस…

चिरज-रणजीत सिंह चारण रणदेव

” चिरज “   माँ क्रूपा करो मेहाई मायड, देशाणे काबा वारी . हैं काबावाली डोकरी,, आवड करनल अवतारी | क्रूपा करो माँ……… टेर   हैं देशनोक करणी किनियाणी, आफत…

माँ करणी जी री चिरजा- रणजीत सिंह चारण, “रणदेव”

माँ करणी जी री चिरजा । ओजी, करनल जी, सुणों जी मैया मोरी बातडली। ओजी बुलावोंनी मानें द्वार,,मैया मोरी लाढडली।। देखण थारी सुरत मैया, नैना रा टीम-टीम चमकै। आंख्या उबलैं…

आई चम्पा माँ री चिरजा रणदेव चारण कृत

आई चम्पा माँ री चिरजा रणदेव चारण कृत दोहा पूजू पहला गणपती, दूज शारदा माय। किरथ चम्पा मात कथूं,,किरपा करों कृपाय।। चम्पा लायी चाँदणों, मया धनु रै माय। संवत उनीसौ…

चम्पा माँ री चिरजा-रचयिता – अजयसिंह राठौड़ सिकरोड़ी

चम्पा माँ री चिरजा दोहा प्रथम वन्दन आवड़ा,मोटा करनल माव। अजय सिंवरै आपनै,चम्पा माँ कर चाव।। चिरजा हो म्हारौ बेड़ो पार लगादे म्हारी माय। म्हारी मावड़ी हो म्हारी माय।।स्थाई।। आई…

चिरजा – मोहनसिंह रतनू

।। चिरजा ।। मनवा मात सुमर जग मोंही थारो अवसर जाय अकाजा….टेर दिल सुध सू आवे दुखियारी,देसनोक दरवाजा । रोग दोस हर मात रूखाले,तन कर देवे ताजा ।। मनवा….१ ढोल…

चिरजा माँ चम्पा आई री – रणजीत सिंह चांचडा “रणदेव”

दोहा पूजू पहला गणपती, दूज शारदा माय। किरथ चम्पा मात कथूं,, किरपा करों कृपाल।। चम्पा लायी चाँदणों, मया धनु रै माय। संवत उनीसौ पिचतर,,पारकर धरैं पाय।। चिरजा आई चम्पा आपरी…