Sat. Apr 19th, 2025

Category: आलेख

चारण काव्य में राष्ट्र चेतना

राजस्थान रा चारण कवैसर प्रखर राष्ट्र वादी अर युगद्रष्टा रैया है अर राष्ट्रहित ने सर्वोपरी अर जीवण रो मूऴ जाणियो है, राजस्थान रा चारण कवैसरां, अंग्रेज-विरोधी क्रान्तिकारियां रै साथै दगा…

शायर व कवि

!!शायर व कवि !! ऐक ही व्यक्ति के दो नाम जिसे सिध्द किया है माननीय जोगीदानजी कविया सेवापुरा वालों ने !! इन्हे काव्य-रचना के साथ ही मद्यपान का शौक भी…

कामाख्या मन्दिर – राजेन्द्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर

!! कामाख्या मन्दिर !! ================== कामाख्या मंदिर असम की राजधानी दिसपुर के पास गुवाहाटी से ८ किलो मीटर दूर कामाख्या मे है ! कामाख्या से भी १० किलोमीटर दूर नीलाचल…

माताजी के 10 शक्ति – पीठ स्थान- राजेन्द्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर 

माताजी के शक्तिपीठ हमारी यूट्यूब चेनल पर पूरा वीडियो देखें (1) “”!! त्रिपुरसुंदरी शक्ति-पीठ !!”  *!! त्रिपुरा !!* भारत के पूर्वोतर राज्य त्रिपुरा की सीमा आसाम व मिजोरम से लगती…

मेघवाल़ होयो तो कांई ? म्है इण नैं भाई मानूं- गिरधरदान रतनू दासोड़ी

माड़ रो माड़वो गाम जूनो सांसण। नैणसी, हमीर जगमालोत रो दियो लिखै तो उठै रा वासी उणस़ूं ई पुराणो मानै। इणी गांम में सोढैजी संढायच रै दो बेटा – अखोजी…

वदुमाँ (पबु माँ) – आशूदानजी मेहडू

प्रिय भँवर…. वदुमाँ (पबु माँ) का पीहर पाबुसर गाँव मे, जन्म नेतोजी देथा देवीदास के घर हुआ था। जन्म कब हुआ यह जानकारी इस लिए नहीं कि उस वक्त गाँवों…

आज शिक्षक दिवस है-आशूदान मेहडू

आज शिक्षक दिवस है, शिक्षक को गुरू कहैं, मार्गदर्शक कहै, सरस्वति के भंडार का, द्वारपाल कहैं या बिलकुल कोरे मानव मस्तिष्क पर सुंदर चहुंमुखी विकासरूपी चित्र कोरने वाला अदभूत चित्रकार…

गुरु अमृत की खान ~ डाॅ. गजादान चारण “शक्तिसुत”

है वही जो ज्ञान के आलोक को जग में फैलाता। है वही जो आदमी को आदमी बनना सिखाता। जो सभी को  प्रेम का संदेश देता है सदा, उस गुरु के…

धिन चंदू राखी धरा – गिरधरदान रतनू “दासोड़ी”

उन्नीसवों सइको राजस्थान में उथल़-पुथल़ अर अत्याचारां रो रैयो। उण काल़ खंड में केई राजावां अर ठाकरां आपरै पुरखां री थापित मरजादावां रै खिलाफ काम कियो। जिणनै केई लोगां अंगेजियो…

डिगऴ में मर्यादा रौ मांडण – राजेंद्रसिंह कविया (संतोषपुरा)

राजस्थानी रा साहित में मर्यादा रो आछो मंडण, विशेषकर चारण साहित में घणों सखरो अर सोहणो हुयो है। जीवण री गहराई ने समझ परख अर ऊंचाई पर थापित करणे री…