Fri. Nov 22nd, 2024

Category: आलेख

जोगीदास भाटी की कटारी

!!जोगीदास भाटी की कटारी !! मारवाङ जिसे नर सांमद भी कहते है, मारवाङ के अनेकानेक सूरमाओंमे भाटी गोविन्ददासजी का नाम अग्रिम पंक्ति में आता है सपूतसमझने वाले गोयंददास ने अति…

श्री आवड़ माता द्वारा हाकरा दरियाव (नदी) का शोषण करना – डॉ. नरेन्द्रसिंह आढ़ा (झांकर)

श्री आवड़ माता द्वारा हाकरा दरियाव (नदी) का शोषण करना वि॰ स॰ 808 के चैत्र शुक्ल नवमी मंगलवार के दिन मामड़जी चारण  के घर पर भगवती श्रीआवड़ माता ने अवतार…

श्री आवड़ माता(तनोट माता) के आशीर्वाद से भारतीय सेना की तनोट के युद्ध में चमत्कारी विजय

भगवती श्री आवड़ माता ने वि.स. 808 चैत्र सुदी नवमी मंगलवार के दिन चारण मामड़जी के घर अवतार लेकर अपने जीवनकाल में कई चमत्कार कर दिखाये थे जिसकी एक विस्तृत…

ऐक ह्रदय स्पर्शि कहानी – राजेंन्द्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर

ऐक ह्रदय स्पर्शि कहानी !! आज जब चारों तरफ कट्टरवाद हावी हो रहा है तब ऐक दूसरे धर्म पर अपनी मान्यताऐं थोपने की अन्धाधुंद प्रतिस्पर्धा चल रही है तथा मानवता,…

सुप्रसिध्द यौध्दा नरुजी कविया

!!सुप्रसिध्द यौध्दा नरुजी कविया !! नरूजी कविया सुप्रसिध्द भक्त-वर कवि सिध्द अलूनाथ जी कविया के बङे सुपुत्र थे, नरुजी एक उत्कृष्ट कोटि के यौध्दा थे,बादशाह अकबर ने सन 1587 में…

कहां वे लोग कहां वे बातें-राजेन्द्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर

!! कहां वे लोग कहां वे बातें !! सन 1980 के मार्च अप्रैल की बात है जब मेरे पिताश्री श्री बलदेवसिंहजी कविया की पुलिस थाना लक्ष्मणगढ जिला सीकर में हैड…

Ulwar and its Art Treasures-राजेन्द्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर

“Ulwar and its Art Treasures” By T. Handley. Surgeon Major अर्थात- अलवर के संग्रहालय में आज भी ऐक तलवार की मूंठ पर सोनेरण (स्वर्ण) भाग पर माँ सा करनी जी…

दात्तार अर सूर संवादौ – शंकरदानजी बारहठ

“दात्तार अर सूर संवादौ” !! !! शंकरदानजी बारहठ रचित !! बीकानेर रा दरबार रायसिंह जी इणीज कवि शंकर बारहठ ने सवा करोङ पसाव रूपियां रो पसाव प्रदान करियो हो, इणां…

जसराज बारहठ रो जस

!! जसराज बारहठ रो जस !! नवकौटि मारवाङरा राजमें देवरिया गांव रा बारहठ जसराज वैणीदासौत महाराजा जसवन्तसिंह रा मर्जीदानां में हा, बारहठ जसराज जी घणां टंणका अर अङोभीङ वीर अर…

चारण कवेसरा री ह्रदयगत करूणा

!! चारण कवेसरा री ह्रदयगत करूणा !! मध्यकालीन भारतीय इतिहास मे चारण कवेसरां अखूट साहित सिरजियो ने ऐक ऐक सूं बढता रसां मे बरणाव बणावियो, वीरारस में भाला खांडा खऴकाविया…