Sun. Apr 20th, 2025

Category: आलेख

आज रो समाज अर सराध रो रिवाज – डाॅ. गजादान चारण “शक्तिसुत”

सराध रो रिवाज आपणै समाज में जूनै टेम सूं चालतो आयो है अर आज ई चालै। जे आज री बात करां तो इयां मानो कै अबार रो जुग तो सराध…

तेरस नुं महत्व मोगल प्रागट्य दिन – जोगीदान चंडीया

अरे आपा…. तेरस ने दिवसे भिमराणा थडा नो प्रथम समैयो थयेल….जन्मतो.. करणीजी..मोगल..नागबाई..बधां आसो नी सातम नां… तेरस नुं महत्व मोगल प्रागट्य दिन ज्यारे मिठापुर के भिमराणा ओखा ना चारणो ने …

हरमाङा गांव के विषय में-राजेंद्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर

!! हरमाङा गांव के विषय में !! वर्तमान में जयपुर शहर का नगर निगम का वार्ड बनगया हरमाङा पहले गाडण चारणों की जागिर की स्वशासन का गांव था, इस गांव…

बारहठ शंकर और महाराजा रायसिंह-राजेंद्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर

! बारहठ शंकर और महाराजा रायसिंह !  प्रसिध्द महात्मा भक्तप्रवर ईश्वरदासजी के काका आशाजी भी बङे भक्त व कवि थे उनकी वंश परंपरा में ही चाहङजी, दूदाजी, आदि भी अपने…

आशिया प्रभुदानजी भांडियावास-राजेंद्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर

आशिया प्रभुदानजी भांडियावास !!                             आशिया प्रभसा रो जसौल ठिकाणै म सदा सनातनी सीर, रावऴसा व बाजीसा एक बीजा रा दुख सुख रा साथी, बाजीसा न देखियां बिना रावऴसा ने…

छत्रपति शिवाजी और जोधपुर महाराजा जसवन्तसिंहजी – राजेंद्र कविया संतोषपुरा सीकर

ऐक समयमें हुया दोनूं वीर शिरोमणि एक बीजा रा शत्रु व्हैतां थकांई दोयां में ऐकसी समानता ही दोनूं आपरे समय रा टणकैल अर बङा वीर हा, शिवाजी आपरो राज ने…

हर का भगत हरदासजी-राजेंन्द्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर

!! हर का भगत हरदासजी !! हर शिवजी रो ऐक दूजो नांव अर हर मोटा देव, ब्रह्मा विष्णु महेश तीनों देव जोङासूं जाणिजै, इंयां तो संसार में ऐक सूं ऐक…

हरिभक्त चारण कवि

हरिभक्त चारण कवि ! !! छप्पय !! कर्मानन्द अल्लू चौरा, चंड ईसर केसो ! दूदो जीवद नरौ, नारायण मांडण बेसो ! कोल्हरू माधौदास, बहुत जिन वाणी सोहन ! अचलदास चौमुखारू,…

चारणवास वाऴो चैत – राजेंद्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर

चारणवास वाऴो चैत !! ऐकर सियाऴैमें आधे माघ मास में बिरखा बूठी, अर बिरखाई घणी लांबी भांय हुई मानखै आप आपरै सपना रा जाऴा बणा वणा गुंथणा शुरु करिया ।…

डिंगऴकाव्य अर वीरवर कल्लाजी रायमलोत-राजेंन्द्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर

(2) “डिंगऴकाव्य अर वीरवर कल्लाजी रायमलोत” !! गीत !! ऊभौ ऐक अनङ महा भङ आडौ, वीरत गुर खत्रवाट वहै ! पङियां सीस पछैई पालटसी, कोट म कर कर कल्लौ कहै…