Fri. Aug 1st, 2025

Category: सीख

चुनौतियों के चक्रव्यूह में फंसे आज के विद्यार्थी एवं अभिभावक

यह चिरंतन सत्य है कि समय निरंतर गतिमान है और समय की गति के साथ सृष्टि के प्राणियों का गहन रिश्ता रहता है। सांसारिक प्राणियों में मानव सबसे विवेकशील होने…

प्रशंसा – डाॅ. गजादान चारण “शक्तिसुत”

प्रशंसा बहुत प्यारी है, सभी की ये दुलारी है, कि दामन में सदा इसके, खलकभर की खुमारी है। फर्श को अर्श देती है, उमंग उत्कर्ष देती है, कि देती है…

बाती को मत फूंक लगा ~ डाॅ. गजादान चारण ‘शक्तिसुत’

दीपों की जगमग ज्योति के माध्यम से संसार को ज्ञान, प्रेम, सौहार्द, समन्वय, त्याग, परोपकार, संघर्ष, कर्तव्यपरायणता, ध्येयनिष्ठा एवं रचनात्मकता का पाठ पढ़ाने वाले विशिष्ट त्योहार दीपोत्सव की हार्दिक बधाई…

बध-बध मत ना बोल ~डॉ. गजादान चारण “शक्तिसुत”

बध-बध मत ना बोल बेलिया, बोल्यां साच उघड़ जासी। मरती करती जकी बणी है, पाछी बात बिगड़ जासी।। तू गौरो है इणमें गैला, नहीं किणी रो कीं नौ’रो। पण दूजां…

जीवन – पटकथा ~ जयेशदान गढवी

जीवन – पटकथा जीवन कोई पटकथा नहीं, जिसका आरंभ, मध्य, और अंत निश्चित हो, निश्चित हो किरदार, रस, विराम, नायक, खलनायक सुनिश्चित हो। जीवन का मतलब ही है अनिश्चितता, तुम…

कवि कृपाराम जी खिडिया (बारहट)

कवि कृपाराम जी खिड़िया (बारहट) तत्कालीन मारवाड़ राज्य के खराड़ी गांव के निवासी जगराम जी के पुत्र थे। जगराम जी को कुचामण के शासक ठाकुर जालिम सिंह जी ने जसुरी…