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Category: श्री खेतरपाळ दादा

श्री खेतरपाळ रो छंद

श्री खेतरपाळ रो छंदरचना–राजेन्द्र दांन विठू (कवि राजन) झणकली। व्याधी विपदा वासदी त्रासदी ऐरू टाळ। डेरलाइ रा डोकरा खम खम खेतरपाळ।। विघन हरण वरदावतों संकट मेट सदाय। सुख संपत समपो…

सोहागी खेतरपाळ रो गीत ~ मीठा मीर डभाल

सोहागी खेतरपाळ रो गीत कर विनय अरदास कहवूं, सगत लीजो सार। गुण खेतल तणा गावूं, उकत द्यो अणवार। तो औधार जी औधार, अम्बा आपरो औधार।।1।। शिव रो गण आप साचो, भज्यां…