गजेन्द्र मोक्ष पर समान बाई का सवैया
पान के काज गयो गजराज, कुटुम्ब समेत धस्यो जल मांहीं। पान कर्यो जल शीतल को, असनान की केलि रचितिहि ठाहीं। कोपि के ग्राह ग्रह्यो गजराज, बुडाय लयो जल दीन की…
पान के काज गयो गजराज, कुटुम्ब समेत धस्यो जल मांहीं। पान कर्यो जल शीतल को, असनान की केलि रचितिहि ठाहीं। कोपि के ग्राह ग्रह्यो गजराज, बुडाय लयो जल दीन की…
ऐसे घनस्याम सुजान पीया, कछु तो हम चिन्ह बतावें तुम्हें। सखि पूछ रही बन बेलन ते घनश्याम मिलै तो बताओ हमें।।टेर।। मनि मानिक मोर के पंखन में, जुरे नील जराव…
।।सवैया।। शत्रुन के घर सेन करो समसान के बीच लगाय ले डेरो। मत्त गयंदन छेह करो भल पन्नग के घर में कर गेरो। सिंह हकारि के धीर धरो नृप सम्मुख…
।।दूहा।। सरसत दे मुझ अखर सुद्ध, सूंडाळा कर साय। प्रभू पच्चीसी प्रेम सूं, गुण सबदी में गाय।।१ ऊभराणो ही ईशवर, आवै करतां याद। निमख देर लागै नहीं, सुणत भगत री…
गीत वेलियो किण सू हुई नह हुवै ना किणसूं, हिवविध राम तिहारी होड! कीधा काम अनोखा कितरा, छिति पर गरब उरां सूं छोड!!1 बाल़पणै दाणव दल़ वन में, रखिया कुशल़…
सांयाजी झूला महान दानी, परोपकारी भक्त कवि थे। वे कुवाव गांव गुजरात के निवासी थे। इन्होंने अपने गांव में गोपीनाथ भादेर, मंठीवाला कोट, किला तथा बावड़ियां बनवाई थी। जीवन के…
“अवतार चरित्र” ग्रन्थ में ध्रुव-वरद अवतार की स्तुति ।।छन्द – कवित्त छप्पय।।ऊँकार अपार, अखिल आधार अनामय।आदि मध्य अवसान, असम सम आतम अव्यय।एक अनेक अनंत, अजीत अवधूत अनौपम।अनिल अनल आकाश, अंबु…
बाप दियो वनवास, चाव लीधो सिर चाढै। धनख बाण कर धार, वाट दल़ राकस बाढै। भल लख सबरी भाव, आप चखिया फल़ ऐंठा, सारां तूं समराथ, सुण्या नह तोसूं सैंठा। पाड़ियो मुरड़ लंकाणपत, भेल़ो कुंभै…