बनासा री बछेरी सतेज घणेरी – समानबाई रचित बना
बनासा री बछेरी सतेज घणेरी, जीनै राम बना चढ फेरी।।टेर।। राय आंगण बिच रिमझिम नाचै, जाणै इक इन्द्र परेरी। हार हमेल हिया बिच सोहे, कनक लगाम खिंचेरी बनासा री बछेरी…
बनासा री बछेरी सतेज घणेरी, जीनै राम बना चढ फेरी।।टेर।। राय आंगण बिच रिमझिम नाचै, जाणै इक इन्द्र परेरी। हार हमेल हिया बिच सोहे, कनक लगाम खिंचेरी बनासा री बछेरी…
बना सा री मदील मिजाज करै छै। सिया निरखत मोद भरै छै, रघुवर री मदील मिजाज करै छै।। सबहि सहेल्यां चढत महल में, सबहि झरोकाँ झुकै छै। या छबि देखी…