लांगीदासजी मेहडू
सरस्वती की उपासना – चारण, जो उपासना को अपने जीवन का पहला और सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य मानते हैं, भारतीय संस्कृति की पहचान और समाज में नैतिकता, त्याग, बलिदान, वीरता और…
सरस्वती की उपासना – चारण, जो उपासना को अपने जीवन का पहला और सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य मानते हैं, भारतीय संस्कृति की पहचान और समाज में नैतिकता, त्याग, बलिदान, वीरता और…
लांगीदासजी मेहडू સરસ્વતીની ઉપાસના – આરાધનાને જ પોતાના જીવનનું પ્રથમ અને પરમ કર્તવ્ય માનનાર ચારણોએ ભારતીય સંસ્કૃતિની અસ્મિતાના જતનાર્થે તથા સમાજમાં નીતિમત્તા, ત્યાગ, બલિદાન, શોર્ય અને ભક્તિ ઈત્યાદિ ગુણોમાં વૃદ્ધિ…
छंद – झुलणा शूंढाळा सांयजे गणाधिपति गुणपति, विघ्न सब हरीजे सुणो हेला. करा हूं आरदा शारदा सरसती, अब्द नी ल्हांणी दियो पेला. राज कविराज ना आज जश भाखवा, रसण पर…
बहुत से भाइयों को, विशेष कर नवयुवक मेहड़ू भाइयों को यह क्रमवार जानकारी हो या न हो, लेकिन तथ्यों की गहराई और इतिहास एवं इस कुल के बही भाटों के…