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Category: राजेन्द्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर

जोगीदास भाटी की कटारी

!!जोगीदास भाटी की कटारी !! मारवाङ जिसे नर सांमद भी कहते है, मारवाङ के अनेकानेक सूरमाओंमे भाटी गोविन्ददासजी का नाम अग्रिम पंक्ति में आता है सपूतसमझने वाले गोयंददास ने अति…

ऐक ह्रदय स्पर्शि कहानी – राजेंन्द्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर

ऐक ह्रदय स्पर्शि कहानी !! आज जब चारों तरफ कट्टरवाद हावी हो रहा है तब ऐक दूसरे धर्म पर अपनी मान्यताऐं थोपने की अन्धाधुंद प्रतिस्पर्धा चल रही है तथा मानवता,…

सुप्रसिध्द यौध्दा नरुजी कविया

!!सुप्रसिध्द यौध्दा नरुजी कविया !! नरूजी कविया सुप्रसिध्द भक्त-वर कवि सिध्द अलूनाथ जी कविया के बङे सुपुत्र थे, नरुजी एक उत्कृष्ट कोटि के यौध्दा थे,बादशाह अकबर ने सन 1587 में…

कहां वे लोग कहां वे बातें-राजेन्द्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर

!! कहां वे लोग कहां वे बातें !! सन 1980 के मार्च अप्रैल की बात है जब मेरे पिताश्री श्री बलदेवसिंहजी कविया की पुलिस थाना लक्ष्मणगढ जिला सीकर में हैड…

कविया श्री हिंगऴाज दान जी कृत, वकीलों के विषय में – राजेन्द्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर

!! कविया श्री हिंगऴाज दान जी कृत !! वकीलों के विषय में !! आदरणीय हिंगऴाजदान जी कविया ने अपने जीवन काल में कई केश-मुकदमें लङे थे, तथा बङे-बङे सामन्तो जागीर…

Ulwar and its Art Treasures-राजेन्द्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर

“Ulwar and its Art Treasures” By T. Handley. Surgeon Major अर्थात- अलवर के संग्रहालय में आज भी ऐक तलवार की मूंठ पर सोनेरण (स्वर्ण) भाग पर माँ सा करनी जी…

दात्तार अर सूर संवादौ – शंकरदानजी बारहठ

“दात्तार अर सूर संवादौ” !! !! शंकरदानजी बारहठ रचित !! बीकानेर रा दरबार रायसिंह जी इणीज कवि शंकर बारहठ ने सवा करोङ पसाव रूपियां रो पसाव प्रदान करियो हो, इणां…

जसराज बारहठ रो जस

!! जसराज बारहठ रो जस !! नवकौटि मारवाङरा राजमें देवरिया गांव रा बारहठ जसराज वैणीदासौत महाराजा जसवन्तसिंह रा मर्जीदानां में हा, बारहठ जसराज जी घणां टंणका अर अङोभीङ वीर अर…

चारण कवेसरा री ह्रदयगत करूणा

!! चारण कवेसरा री ह्रदयगत करूणा !! मध्यकालीन भारतीय इतिहास मे चारण कवेसरां अखूट साहित सिरजियो ने ऐक ऐक सूं बढता रसां मे बरणाव बणावियो, वीरारस में भाला खांडा खऴकाविया…

चारण काव्य में राष्ट्र चेतना

राजस्थान रा चारण कवैसर प्रखर राष्ट्र वादी अर युगद्रष्टा रैया है अर राष्ट्रहित ने सर्वोपरी अर जीवण रो मूऴ जाणियो है, राजस्थान रा चारण कवैसरां, अंग्रेज-विरोधी क्रान्तिकारियां रै साथै दगा…