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Category: राजेन्द्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर

सवैया, माधोरामजी कायस्थ- राजेन्द्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर

!! सवैया !! !! माधोरामजी कायस्थ !! बालपनै प्रतिपाल करी हम, जानि सही तूँ गरीबनवाज है ! योवन में तन ताप हरी तुम, मेल दिये सब ही सुख साज है…

नागदमण- राजेन्द्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर

!! नागदमण !! नागराज रो दमण श्रीकिशन जी करियो ने उणरी कवितावां लेख अनैक कविगण व लेखक करियो, उणीज उपर फिल्मां बणी ने नाटक रचिजिया, चावा ठावा चारण भक्त भी…

प्रातः निवेदन- राजेन्द्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर

प्रातः निवेदन अंम्बा ओयणरीह, छाया रख छत्रैस्वरी ! दिल मझ दोयणरीह, व्यापै ताप न बीसहथ ! !! छप्पय !! रिच्छाकर राखिया, ज्वाऴ बाऴा मंजारी ! रिच्छाकर राखिया, नाथ गौरख नरनारी…

छप्पय – चूंडा दधवाङिया कृत (राजेन्द्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर)

!!छप्पय !! चूंडा दधवाङिया कृत !! आप हूंत आकास, पवन आकास प्रसन्नौ ! पवंण हूंत तत तेज, तेज पांणी ऊपन्नौ ! पांणी हूंता प्रिथी, प्रिथी गुण पंच प्रगट्टा ! पंच…

हरमाङा गांव के विषय में-राजेंद्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर

!! हरमाङा गांव के विषय में !! वर्तमान में जयपुर शहर का नगर निगम का वार्ड बनगया हरमाङा पहले गाडण चारणों की जागिर की स्वशासन का गांव था, इस गांव…

बारहठ शंकर और महाराजा रायसिंह-राजेंद्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर

! बारहठ शंकर और महाराजा रायसिंह !  प्रसिध्द महात्मा भक्तप्रवर ईश्वरदासजी के काका आशाजी भी बङे भक्त व कवि थे उनकी वंश परंपरा में ही चाहङजी, दूदाजी, आदि भी अपने…

आशिया प्रभुदानजी भांडियावास-राजेंद्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर

आशिया प्रभुदानजी भांडियावास !!                             आशिया प्रभसा रो जसौल ठिकाणै म सदा सनातनी सीर, रावऴसा व बाजीसा एक बीजा रा दुख सुख रा साथी, बाजीसा न देखियां बिना रावऴसा ने…

गीत सौदा बारहठां री वीरता रो- राजेंद्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर

गीत सौदा बारहठां री वीरता रो !!   !! गीत !! पालम झङ पोऴ चत्र गढ ऊपर, जमणो लङ मांडू जोधार ! पीऴे खाऴ अचऴ भङ पङियो, बेणो गढ मांडऴ उण…

झालामान शतक- नाथूसिंहजी महियारिया

नाथूसिंहजी महियारिया रचित झाला मान शतक सर कोटि री उंचे दरजे री बेजोङ रचनाहै जिण कृति में सादङी (मेवाङ) रै राजराणा झाला मानसिंह जी रै उद्भट शौर्य, अदम्य साहस अर…

छत्रपति शिवाजी और जोधपुर महाराजा जसवन्तसिंहजी – राजेंद्र कविया संतोषपुरा सीकर

ऐक समयमें हुया दोनूं वीर शिरोमणि एक बीजा रा शत्रु व्हैतां थकांई दोयां में ऐकसी समानता ही दोनूं आपरे समय रा टणकैल अर बङा वीर हा, शिवाजी आपरो राज ने…