भैरवाष्टक – डॉ. शक्तिदान कविया
सोरठाभैरु भुरजालाह, दिगपाला बड दैव तूं।रहजै रखवालाह, नाकोडा वाला निकट।। छंद त्रिभंगीनाकोडा वाला, थान निराला, भाखर माला बिच भाला।कर रुप कराला, गोरा काला, तु मुदराला चिरताला।ध्रुव दीठ धजाला, ओप उजाला,…
भैरूंनाथ रा छप्पय – जवाहरदान जी रतनूं
जवाहरदान जी रतनूं, थूंसड़ा रा प्राचीन समय रा चारण साहित रा सिरजणहार साधक हा। रतनूं साहब री भगवती री चिरजा/रचनांवां री अजब अनूठी अलंकारिक व भावपक्ष री न्यारी निराऴी हटोटी…
सोहागी खेतरपाळ रो गीत ~ मीठा मीर डभाल
सोहागी खेतरपाळ रो गीत कर विनय अरदास कहवूं, सगत लीजो सार। गुण खेतल तणा गावूं, उकत द्यो अणवार। तो औधार जी औधार, अम्बा आपरो औधार।।1।। शिव रो गण आप साचो, भज्यां…