Sat. Apr 19th, 2025

Category: भवरदान मधुकर माड़वा

चम्पा माँ आरती – भवरदानजी “मधुकरजी”

।।चम्पा माँ आरती ।। ऊ जय चम्पा जरणी आई जय चम्पा जरणी। वर्ण तणी कर वाहर, हर दम दुख हरणी।ऊ जय ……टेर । नव सगतां घण नांमी, इल पर अवतरणी…

महमाया चम्पाबाई माँ सुजस – भँवरदानजी माड़वा “मधुकरजी”

महमाया चम्पाबाई माँ सुजस। ।।दोहा।। शुध बुध दे चम्पा सगत, कुमत टाल करनल्ल। भगत सुजस भणै भमरो, उकत समपो अवल्ल। पारकर धन्य वा प्रथमी, तहां चम्पाआई अवतार। मोद करै वर्ण…

जांमा सति का त्रिभंगी छंद – कवि मधुकर माड़वा (भवरदानजी)

धन्य सुन्दर तण धिवड़ी, निज उण जांमा नाम। हड़वेची जल अमर हुइ, कर सुकरत भल काम।(1) जाती तणा किया जतन, गाल सती धन गात । पात देथो  अमर पती, मीठड़ियै…