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Category: प्रह्लाद सिंह कविया प्रांजल भवानीपुरा

रोवै तो रोवै भला तोडूं कोनी रीत, जननी सूं ज्यादा मनैं जन्म भौम सूं प्रीत – प्रह्लादसिंह कविया प्रांजल

अमर शहीद प्रताप सिंह बारहठ पर रचित एक कविता…. अमर वाक्य- रोवै तो रोवै भला तोडूं कोनी  रीत, जननी सूं ज्यादा मनैं जन्म भौम सूं प्रीत चल रहा था जख्म और…