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Category: दोहे

चम्पा माँ री दोहावली रणदेव कृत

चम्पा माँ री दोहावली रणदेव कृत सुमरूं गणपति आपनैं, मंगल करों महान्। शारदा बणों सारथी,, देओं आखर दान।।1।। मांडू आखर मायडी, रणदेव नैं रसाव। किरपा जद आ करौला,,तदी शब्द संजाव।।2।।…

महमाया चम्पाबाई माँ सुजस – भँवरदानजी माड़वा “मधुकरजी”

महमाया चम्पाबाई माँ सुजस। ।।दोहा।। शुध बुध दे चम्पा सगत, कुमत टाल करनल्ल। भगत सुजस भणै भमरो, उकत समपो अवल्ल। पारकर धन्य वा प्रथमी, तहां चम्पाआई अवतार। मोद करै वर्ण…

आई चंपाबाई के जीवन पर आशूदानजी मेहड़ू द्वारा दोहे

आई चंपाबाई के जीवन पर आशूदानजी मेहड़ू द्वारा दोहे श्रद्धा सुमन ।। दोहा ।। पारकर मैया प्रगटी, देवी चारण दीप। “धनु” कोख धन्य अहो, पिता “वाघ” विदित।।1 मेहड़ू कुल मातेश्वरी,…

सगत चम्पा मात रो सुजस – मीठाखां मीर डभाल

“सगत चम्पा मात रो सुजस” दोहा उकत समापण ईसरी, सगत रहावो साथ ।। चम्पादे धिन चारणी, मात नमावूं माथ ।।1।। धरा डीणसी धिन्न हो, मुल्क पारकर मांय ।। जनम लियो…

डिगऴ में मर्यादा रौ मांडण – राजेंद्रसिंह कविया (संतोषपुरा)

राजस्थानी रा साहित में मर्यादा रो आछो मंडण, विशेषकर चारण साहित में घणों सखरो अर सोहणो हुयो है। जीवण री गहराई ने समझ परख अर ऊंचाई पर थापित करणे री…

खरी कमाई खाय – कवि मोहनसिंह रतनू

खोटा रूपया खावतो, जावे सीधो जेल। मिल जावे रज माजनो, बंश होय बिगड़ैल।।1 खोटा रूपया खावतो, लगे एसीबी लार। निश्चय जावे नौकरी, बिगड़ जाय घरबार।।2 खोटा रूपया खावतो, चित्त में…