Sat. Aug 2nd, 2025

Category: दोहे

सोढा संग्राम सा रो जस शतक – वीरेंद्र लखावत कृत 

सोढा संग्राम सा रो जस शतक वीरेंद्र लखावत कृत  सदगुण रो साखी सबल,राखी रीत तमाम। वद वद भाखी विद्वता,सोढा तूं संग्राम।।1।। संग्रामो सचियाय नै,ध्याय धुकावै धूण। पाय रह्यो परमार्थ इम,दाय…

अपभ्रंश साहित्य में वीररस रा व्हाला दाखला

आचार्य हेमचंद्र आपरी व्याकरण पोथी में अपभ्रंश रा मोकळा दूहा दाखलै सरूप दिया है। आं दूहाँ में वीर रस रा व्हाला दाखला पाठक नै बरबस बाँधण री खिमता राखै।आँ दूहाँ…

छंद – हरीगीत – रचिता – चारण विजयभा हरदासभा बाटी.

छंद=हरीगीत *चल छोड दे अब छोड दे तुं वृथा चिंता छोड दे.* *ताहरे अधीन है कर्म तो तुं कर्म नाता जोड दे.* *होनी हरीवर हाथ रखियो सकल फिर जंजाळ है.*…

छंद – नराच – रचिता – चारण विजयभा हरदासभा बाटी

छंद – नराच *जळाहळा जळाहळा प्रचंड तेज पुंज हो.* *निशा विडार भंज घोर आपही अखंड हो.* *प्रमाद खंड खंडना प्रभो अखंड आप हो.* *नभोमणी प्रभाकरा दिवाकरा प्रणाम हो.* *ग्रहा भुपाळ…

जोधपुर थापना दिवस री सगल़ै सैणां नै बधाई अर शुभकामनावां- गि.रतनू

अरि दल़ण अखियात ओ, भेर तपै वँश -भांण। जोध बसायो जगत में, जस जोगो जोधांण।। मोरधव्ज चावो मुदै, महि हद पावण मांण। गढां सिरोमण गाढधर, जग जोवो जोधांण।। वीसहथी नै…

चारण जाती के लीए राजा और विध्धवानो के मंतव्य

चारण जाती के लीए राजा और विध्धवानो के मंतव्य चारणो ज राजाओ ने सत्य हकीकत कही शके छे तेओ बधा करता श्रेष्ठ छे । -सर प्रभाशंकर पंडीत चारण जाती की…

देस-देस रा दूहा- मोहनसिंह रतनू

ऊंचो तो आडावल़ो, नीचा खेत निवांण। कोयलियां गहकां करै, अइयो धर गोढांण।। उदियापुर लंजो सहर, मांणस घण मोलाह। दे झोला पाणी भरे, रंग रे पीछोलाह।। गिर ऊंचा ऊंचा गढा, ऊंचा जस…

राजस्थानी भाषा – राजेन्द्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर

!! राजस्थानी भाषा !! ========================= संसार की किसी भी भाषा की समृद्धता उसके शब्दकोष और अधिकाधिक संख्या मे पर्यायवाची शब्दो का होना ही उसकी प्रामाणिकता का पुष्ट प्रमाण होता है।…

दोहा- {प्राचीन इतिहास सू दोहा संकलन} राजेन्द्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर

दोहा !! इऴा न देणी आपणी, हालरिये हुलराय ! पूत सिखावै पालणै, मरण बङाई माय !! सज मुखमलरी सेज, नरसोवै हुयहुय निसंक ! बै कांटा रा बेज, रती न जाणै…

करणी माता के 21 दोहे- प्रह्लादसिंह कविया

साभार- करणी माता के 21 दोहे   1. करणी थारै देश में, आज गजब रा रंग। रास रचावै जोगण्यां, बाजत नौबत चंग । 2. करणी थारै देश में, आई सातों…